मुजफ्फरनगर l भाकियू ने 26 मई को काला दिवस मनाने के बाद से ही जिले के दोनों टोल प्लाजा पर भी धरना शुरू किया था। इस धरने का नेतृत्व रोहाना के इलाके के ही एक भाकियू नेताओ के हाथ में दिया हुआ था । मिली जानकारी के अनुसार भाकियू के एक गुट के नेताओं ने नेतृत्व कर रहे दूसरे गुट के नेता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। आरोप साबित करने को जिलाध्यक्ष के पास कुछ लोग भी भेजे गए थे । इसके बाद इस नेता और उसके रिश्ते के भाई को रविवार की सुबह धरने से अलग कर दिया गया l जिसके बाद धरने को चलाने की जिम्मेदारी भाकियू के तहसील स्तर के बडे नेता और अन्य भाकियू नेताओ को सौंपी गई। दोनों नेता एक दूसरे के विरोधी हैं लेकिन भाकियू के हाईकमान के निर्देश पर दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए । रात में धरनास्थल पर उनके कुछ समर्थकों ने शराब पीकर एक दूसरे पर कटाक्ष करना शुरू कर दिया। इसके बाद पहले उनमे जमकर गाली गलौच हुई और बाद में दोनों नेताओं के समर्थक आपस में भिड गए। उनमें जमकर बेल्ट और लात घूंसे चले। रोहाना टोल पर पुलिस भी तैनात थी। पुलिस ने भाकियू नेताओं का आपसी मामला मानकर हस्तक्षेप नही किया। बल्कि कुछ पुलिसकर्मियों ने उनकी वीडियोग्राफी की। टोल पर पहुंचे कुछ वाहन चालकों ने भी भाकियू कार्यकर्ताओं में मारपीट की वीडियो बनाई। हालांकि टोल पर लगे कैमरों में पूरी मारपीट रिकार्ड हो गई है। भाकियू के पदाधिकारी मारपीट पर चुप्पी साधे हुए हैं और इसे कार्यकर्ताओं के बीच छोटी मोटी बात कहकर मामले पर पर्दा डालने में जुटे हैं। भाकियू के जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान भी टोल पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें