बागपत । रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के मुजफ्फरनगर के गांधी कालोनी निवासी व प्रतिष्ठित नेहा हैंडलूम के मालिक पिता पुत्र की गिरफ्तारी के बाद मुजफ्फरनगर में उनके दलालों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। उन्होंने 32 इंजेक्शन पंजाब से लाकर यहां बेचे हैं। आ
कोरोना संकट के बीच बागपत पुलिस ने गुरुवार को पुलिस ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को एक्सयूवी कार और 60 रेमडेसिविर इंजेक्शनों के साथ गिरफ्तार किया था। यह लोग पंजाब से रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के बाद मुजफ्फरनगर से दिल्ली सप्लाई करने जा रहे थे। पुलिस ने कालाबाजारी करने वाले तीनों लोगों को जेल भेज दिया है । एएसपी मनीष मिश्रा ने बताया कि बुधवार रात्रि मुखबिर की सूचना पर बागपत क्राइम ब्रांच और ड्रग इंस्पेक्टर की संयुक्त टीम ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वालों की तलाश में अभियान में संयुक्त टीम ने राष्ट्र वंदना चौक से प्रतिबंधित रेमडेसिविर इन्जेक्शनों की खेप के साथ एक्सूवी कार में सवार बिशन पुत्र लक्ष्मण निवासी सेलमपुर चौक रानीपुर हरिद्वार, मुकन्द पुत्र मोहन व मनमोहन पुत्र बालकिशन निवासी गांधी कालोनी नई मण्डी मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार कर लिया गया। गाड़ी से 60 रेमडेसिविर इन्जेक्शन बरमद किये गए। जहां तीनों अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने पंजाब के सुखपाल चौहान उर्फ एसपी चौहान नामक व्यक्ति से इंजेक्शन खरीदे थे, जिसमें उनका साथी विशाल पुत्र मनमोहन मुजफ्फरनगर भी शामिल था। जिसके बाद विशाल ने 32 इंजेक्शन मुजफ्फरनगर में ही बेच दिये थे। अब बाकी रेमडेसिविर के इंजेक्शनों को दिल्ली में सप्लाई करने के लिए जा रहे थे।
मामले की जानकारी देते हुए ड्रग्स इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने बताया कि बागपत में पकड़े गए 60 इंजेक्शनों में से आठ इंजेक्शनों के सैंपल लेकर जांच के लिए राजकीय विशलेषण प्रयोगशाला लखनऊ भेज दिये गए है, जिससे इनकी गुणवत्ता का पता चलेगा कि क्या ये सही रेडेसिविर है या फिर नहीं। लैब की रिपोर्ट आने के बाद इंजेक्शनों की सही पुष्टि हो सकेगी। वहीं 52 इंजेक्शन सील कर दिये गए है। फोन काल के जरिए मुजफ्फरनगर में उनके संपर्कों पर छापे की तैयारी है।
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