शनिवार, 17 अप्रैल 2021

चेयरमैन अंजू अग्रवाल के निगेटिव परिजनों को बता दिया पाॅजिटिव

 





मुजफ्फरनगर। देश के साथ-साथ अपने नगर में भी कोरोना संक्रमण के दौर में यदि कर्णधारो के द्वारा अपने नियत कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही स्वास्थ्य विभाग जैसे महत्वपूर्ण मुख्य विभाग के द्वारा बरती जाएगी तो यह नगर वासियों के लिए एक घातक संकेत है। नगर पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा ही कुछ वाक्या उनके परिवार के साथ किया गया है। लेकिन अफसोस है कि जब नगर की प्रथम नागरिक चेयरमैन के साथ ही लापरवाही बरतते हुए नेगेटिव परिवार को पॉजिटिव घोषित कर दिया गया तथा पूरे समाचार पत्रों में यह सब वर्णित हुआ। यह बहुत दुर्भाग्य ही कहा जाएगा । हुआ यू कि दिनांक 13 अप्रैल 2021 को मेरे परिवार का कोरोना सैंपल लेने पर मेरे पुत्र अभिषेक अग्रवाल एवं पोत्री पीयू अग्रवाल को पॉजिटिव घोषित किया गया । इस पर सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मेरा पूरा परिवार क्वॉरेंटाइन हो गया 13 अप्रैल को सैंपल लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेरे परिवार की कोई खैर खबर इस बीच नहीं ली गई तथा ना ही कोई दवाई आदि भेजी गई सअपने प्राइवेट चिकित्सक से मेरा बेटा और पोत्री उनके ट्रीटमेंट में रहे तथा एक चेयरमैन के रूप में अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए घर से बाहर नहीं गई । 13 अप्रैल 2021 को ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कोरोना की गाइडलाइन तथा निर्देश जनता में जन जागरूकता के उद्देश्य से वर्चुअल बैठक का आयोजन था, जिसमें शाम 5.00 बजे एनआईसी में नगर मजिस्ट्रेट एवं प्रभारी अधिकारी स्थानीय के द्वारा मुझे भी आमंत्रित किया था परंतु इससे पहले ही मेरे बेटे और पोत्री को कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया गया था। इसलिए मैं मीटिंग में भी प्रतिभाग नहीं कर सकी । सभी समझते हैं कि जनहित के लिए चेयरमैन का पद कितना महत्वपूर्ण है और जब हिंदू धर्म के नवरात्रे चल रहे हो तथा मुस्लिम धर्म के रमजान चल रहे हो ऐसे में एक चेयरमैन का जनप्रतिनिधि के रूप में पालिका की व्यवस्थाओं को सुचारू करने के लिए और अधिक दायित्व बढ़ जाता है परंतु मेरे घर में कोरोना पॉजिटिव के दृष्टिकोण से मैं जनता की सेवा से इन 6 दिनों में वंचित रही स हालांकि मैंने टेलिफोनिक ,व्हाट्सएप सिस्टम, वीडियो कॉलिंग से अधिकारियों कर्मचारियों को आवश्यक व्यवस्थाओं के निर्देश देते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया स परंतु उसमें मुझे संतुष्टि हासिल नहीं हो सकी। साथ ही घर में एक तनाव बनना भी स्वभाविक होता है, जब इस तरह की बीमारी घोषित की जाती है स मैं अपने दर्द को किन शब्दों में बयां करूं, यह बहुत मुश्किल है। परंतु जब आज 6 दिन के बाद लैब से कोरोना टेस्टिंग की रिपोर्ट आई तो मेरा पुत्र अभिषेक अग्रवाल पुत्री पीयू अग्रवाल नेगेटिव आए सजब एक चेयरमैन के साथ इस प्रकार का कृत्य किया जा सकता है तो नगरीय जनमानस के साथ किस प्रकार का बिहेव किया जा रहा होगा, इसका अंदाजा लगाना बहुत सहज है स मुझे इस सिस्टम पर अफसोस है तथा मन झकझोर रहा है कि पूरे कृत्य के बारे मे योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार से मिलकर अपने दिल का दर्द बयां करूं और मैं सचेत करना चाहती हूं स्वास्थ्य विभाग को कि वे अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करते हुए सजगता पूर्ण कार्य करें सअन्यथा ऐसा ना हो की जनता उग्र हो जाए। उन्होंने कहा कि कई बार तो मेरे मन में यह भी सवाल उठता है कि यह सब कुछ मेरे साथ कुछ गहरी साजिश एवं कूटनीति तो नहीं की जा रही है स क्योंकि ठीक एक साल पहले 12 अप्रैल 2020 को जब कोरोना के चलते देश में लोक डाउन लगा हुआ था और मैं अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए पूर्ण मुस्तैदी के साथ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को साथ लेकर पालिका के जनहित के दायित्व का निर्वहन करने में लगी हुई थी तो मुझे जबरन 12 अप्रैल 2020 की शाम को क्वारंटाइन कर दिया गया था और पुनः ठीक एक साल बाद 13 अप्रैल 2021 को मेरे साथ इसी प्रकार का वाक्यात किया गय। खैर कुछ भी है पर बहुत दुखद है।

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