मुजफ्फरनगर। 2013 में कवाल कांड के समय भाजपा के फायर ब्रांड विधायक संगीत सोम पर दर्ज हुए मुकदमे को लेकर पुलिस की फाइनल रिपोर्ट मंजूर कर ली गई है।
याद रहे कि 27 अगस्त, 2013 को जानसठ थानाक्षेत्र के गांव कवाल में मलिकपुरा निवासी ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की हत्या के बाद दंगे भडक उठे थे। आरोप लगाया गया कि एक वीडियो वायरल होने से क्षेत्र में सांप्रदायिक उन्माद फैल गया था। मामले में भाजपा नेता संगीत सोम, शिवम कुमार तथा अज्ञात के विरुद्ध शहर कोतवाली में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने तथा 66 आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। एसएसपी के आदेश पर मामले की जांच तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगई को सौंपी गई। विवेचना में साक्ष्य नहीं मिलने के कारण 14 अप्रैल 2017 को मुकदमे में एफआर लगा दी गई। कोर्ट की ओर से वादी मुकदमा तत्कालीन रामलीला टिल्ला चैकी इंचार्ज इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को नोटिस जारी हुए। लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके और ना ही पुलिस की ओर से फाइनल रिपोर्ट का विरोध किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान पैरोकार सचिन कुमार ने कोर्ट में सुबोध कुमार की 2018 में हत्या की सूचना देते हुए उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी दाखिल किया। इसके उपरांत अदालत ने एफआर को स्वीकार कर फाइल बंद कर दी।
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