रामपुर । जिले में एक शिक्षिका 1297 दिनों तक गैरहाजिर रही इसके बाद भी उसका वेतन जारी होता रहा। मामले का खुलासा होने के बाद अब उक्त शिक्षिका के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा कर वेतन की रिकवरी की तैयारी शुरू हो गई है।
अफसरों और शिक्षिका की सांठगांठ का यह मामला अजीमनगर थाना क्षेत्र के सैदनगर ब्लाक के कुम्हरिया गांव के प्राथमिक स्कूल से जुड़ा हुआ है। यहां प्रीति यादव नाम की एक शिक्षका की तैनाती लगभग 62 माह (2011 से 2015) तक रही है। इस दौरान वह स्कूल से लगातार गैरहाजिर रही। पांच सालों में वह 1297 दिन गैर हाजिर रही। रजिस्ट्रर में उसे गैर हाजिर दिखाया गया है, लेकिन उसके वेतन का भुगतान होता रहा। हैरत की बात यह है कि तत्कालीन बीएसए ने उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। इतना ही नहीं एबीएसए ने वेतन जारी करने की संस्तुति भी नहीं की थी, इसके बाद भी वेतन जारी हो गया। मामले की जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी ने जांच बैठा दी और बीएसए से रिपोर्ट तलब की थी। बीएसए की रिपोर्ट की रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने शिक्षिका के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ-साथ रिकवरी के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के आदेश के बाद बीएसए न रिपोर्ट दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
सैदनगर के कुम्हरिया कलां गांव के स्कूल में तैनात रही शिक्षिका प्रीति यादव 2011 में रामपुर में तैनात हुई थी। वह 2005 से शिक्षिका के पद पर तैनात है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्य लक्ष्मी ने बताया कि प्रीति यादव 15 जुलाई 2011 से रामपुर में तैनात थी। ज्वाइन करने के दो तीन बाद से ही वह गैर हाजिर हो गई। खंड शिक्षाधिकारी ने उसके खिलाफ कार्रवाई को लिखा। वेतन रोकने के आदेश हुए,लेकिन जब बैंक स्टेटमेंट जारी हुआ तो पता चला कि वेतन जारी हो रहा है। तत्कालीन बीएसए ने सेवा समाप्ति को भी लिखा था, लेकिन जब सेवा समाप्ति का नोटिस जारी हुआ तो उक्त शिक्षिका अंतरजनपदीय तबादले के तहत बाराबंकी चली गई। कार्रवाई के लिए बाराबंकी के बीएसए को भी लिखा गया है
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