मेरठ। एक किसान ने अपनी भैंस की तेरहवीं की रस्म आयोजित कर पूरे गांव को न्यौता दिया। दावत में पूरा गांव जुटा।
किसान सुभाष को उसकी भैंस काफी प्रिय थी। मोहम्मद शाकिस्त गांव के किसान सुभाष ने पिछले 32 वर्ष से एक ही भैंस पाली हुई थी। सात वर्ष पहले इस भैंस ने दूध भी देना बंद कर दिया था। बचपन से ही सुभाष ने इस भैंस को पाला था, इसलिए उन्हें इससे काफी लगाव था। भैंस के दूध देना बंद करने के बाद भी सुभाष ने न तो उसकी उपेक्षा की और न ही उसको बेचने पर विचार किया। बीते एक महीने से भैंस की तबीयत खराब होने पर सुभाष ने उसके इलाज के लिए काफी धन भी खर्च किया।यह भैंस किसान के पास करीब 32 वर्ष से थी। बीते सात वर्ष से उसने दूध भी देना बंद कर दिया था। इसके बाद भी सुभाष ने उसे अपने पास रखा और उसकी खूब सेवा की। इसी बीच भैंस की तबीयत काफी खराब हो गई। सुभाष ने उसके इलाज में भी काफी पैसा खर्च किया, लेकिन उसको बचा नहीं सके। भैंस की मृत्यु के बाद सुभाष ने तेरहवीं आयोजित की। यह तेरहवीं काफी चर्चा में है। इस तेरहवीं के मौके पर सुभाष ने पूरे गांव के लोगों को दावत दी। तेरहवीं में आने वाले सभी सभी ग्रामीणों ने वहां पर पूरे विधि-विधान से भैंस को श्रद्धांजलि दी। यह अनूठी तेरहवीं पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। सुभाष ने कहा कि वो अपनी भैंस को अपने परिवार के सदस्य की तरह ही मानते थे। उन्होंने अपनी भैंस के मरने के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए हर कर्मकांड किया।जिससे उनकी भैंस की आत्मा को शांति मिले।
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