सोमवार, 26 अक्तूबर 2020

दवा विक्रेताओं के उत्पीड़न पर हाईकोर्ट के सख्त आदेश

रामपुर। जनपद रामपुर के दवा विक्रेताओं के ड्रग लाइसेंस के नवीनीकरण के समाप्त होने के बाबजूद रिनिवल के नाम पर दवा विक्रेताओं के उत्त्पीडऩ पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है।


27 अक्टूबर 2017 को भारत सरकार द्वारा ड्रग एंड कॉस्मेटिक रूल्स 1945 में संशोधन कर ड्रग लाइसेंस के नवीनीकरण को समाप्त करते हुये एक अधिसूचना जारी की गई थी। जिसमें जहां-जहां नवीनीकरण शब्द आए है अथवा नवीनीकरण की प्रक्रिया है उसे रिमूव करते हुए उसकी जगह रिटेंशन शब्द जोड़ा गया अर्थात अब हर पांच साल बाद केवल फीस जमा कर चालान की मूल कॉपी को अपने पास रखना है। जिससे आपके लाइसेंस की अबधि बढ़ती रहे अर्थात नवीनीकरण के लिये जो फॉर्म 19 भरना पड़ता था उसे भी भारत सरकार ने समाप्त कर दिया था। 


लेकिन खादय सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश व रामपुर द्वारा उक्त के विरुद्ध नवीनीकरण की प्रक्रिया से भी जटिल प्रक्रिया को अपने पोर्टल पर डाल दिया गया। जिसमें दवा विक्रेताओं से अनावश्यक कागज मांगे जा रहे हैं। जिसके विरुद्ध रामपुर केमिस्ट ऐसो(रजि.) के जिला अध्यक्ष जयदीप कुमार गुप्ता ने माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में एक रिट याचिका डाली गई। जिसको उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए शासन को आदेशित किया कि केंद्र सरकार के कानून में परिवर्तन करना व अपना तंत्र विकसित करना कानून को सुपरसीड करना है। उक्त सम्बन्ध दिये गए प्रत्यावेदन पत्र को कारण सहित निस्तारित करें व न्यायालय में अपना जबाब लेकर उपस्थित हों। न्यायलय ने इस प्रकरण पर अपना अंतरिम आदेश पारित कर दिया। जिसकी अगली सुनवाई दिसंबर 2020 में होनी है। उक्त आदेश को लेकर उत्तर प्रदेश के दवा विक्रेताओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।


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