मंगलवार, 11 अगस्त 2020

ऑनलाइन शिक्षा और फीस वसूली के विरोध में ज्ञापन सौंपा

मुजफ्फरनगर वाल्मीकि क्रांति दल के अध्यक्ष दलित चिंतक दीपक गंभीर सपा नेता ने स्कूलों द्वारा ली जारी फीस व आनलाइन शिक्षा का किया विरोध ज्ञापन दिया। 


विश्वव्यापी बीमारी कोरोना को ध्यान मे रखते हुए भारत सरकार ने एक गाइडलाइन जारी की थी कि जब तक भारत समेत विश्व का कोई भी देश को रोना महामारी का इलाज नहीं ढूंढ लेता तब तक किसी भी दशा में कोई भी सरकारी या निजी शिक्षण संस्थान नहीं खुलेंगे। लेकिन निजी स्कूलों के प्रबंधकों द्वारा भारत सरकार के आदेशों की अवहेलना कर अपने निजी स्वार्थ साधने हेतु ऑनलाइन परीक्षा के नाम पर बच्चों व अभिभावकों का शोषण किया जा रहा है। अभिभावकों पर स्कूल बंद होने के बाद भी बिल्डिंग चार्ज प्रोजेक्ट चार्ट एनुअल फंक्शन चार्ज एडमिशन चार्ज और अन्य तमाम चार्ज लगाकर कुल फीस जमा करने के लिए अभिभावकों बाध्य करते हुए मजबूर किया जा रहा है फीस जमा नहीं होने के कारण पीसी और अगली क्लास में नए भेजकर तथा ऑनलाइन क्लास के नाम पर जो स्कूल की कक्षा वह सेक्शन का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है उसमें भी बच्चों को फीस न देने के चलते जबरन व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव किया जा रहा है। जबकि स्कूल बंद रहने के कारण स्कूल को अधिक बिजली का बिल पानी का बिल स्कूल बिल्डिंग की साफ-सफाई जरनैटर आदि के खर्च न के बराबर रह गए हैं तथा ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर बच्चों को पांच से 8 घंटे तक लगातार मोबाइल पर बिजी रखना उन्हें मानसिक रोगी बना रहे हैं और बच्चों की आंख से नेचुरल पानी व रोशनी कम हो रही है और बच्चों के सिर में दर्द रहते हुए उन्हें ऑनलाइन क्लास को मोबाइल पर अटेंड करते हुए चक्कर आ रहे हैं जिससे उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने लगा है यह सब लक्षण मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन रंगों के कारण उत्पन्न हो रहा है अभिभावकों को गोरी तेरी मार पढ़ रही है यदि किसी अभिभावक के दो या तीन बच्चे हैं तो उसको अलग अलग पंद्रह ₹15000 के मोबाइल दिला कर उनको रिचार्ज अलग से कराया जा रहा है तथा गांव में नेट की कनेक्टिविटी न आने के कारण ग्रामीण बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से महरूम रहना पड़ रहा है जिस कारण कोई बच्चा ऑनलाइन पड़े या ना पड़े किंतु फीस जमा करनी पड़ रही है इसलिए स्कूल नहीं फीस नहीं के आदेश जनहित में जारी किया जाना अति आवश्यक है अतः प्रार्थना है कि बच्चों के स्वास्थ्य बेरोजगारों अभिभावकों के हित को मध्य नजर रखते हुए ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर लूट का सूट तथा बच्चों के स्वास्थ्य पर खिलवाड़ पर रोक लगाने तथा जब तक स्कूल नहीं फीस नहीं के आदेश जनहित में जारी करने की कृपा करें तमाम भारतवासी आपके आभारी रहेंगे।


ज्ञापन देने के दौरान - दीपक गम्भीर दलित चिंतक, महक सिंह वाल्मीकि, गोपाल सुधाकर, मनोज सौदाई एडवोकेट, सुनील वैद्य, सुधीर सिलेलान, राजू बत्रा, गौतम राम, मास्टर प्रदीप, विशाल, पीयूष गुप्ता, अंकित ऐडवोकेट, सुधीर पारचा, हरबीर, तेजपाल, दीपक टांक,राम भरोसे, कमल घावरी, रविन्द्र आदि लोग उपस्थित रहे। 


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