मंगलवार, 28 जुलाई 2020

यूपी में बिजली महंगी करने की तैयारी

लखनऊ । पावर कार्पोरेशन उपभोक्ताओं पर पांच से आठ फीसदी तक महंगी बिजली दरों का बोझ डालने की तैयारी कर रहा है। उसने वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) की कमियों पर गुपचुप तरीके से जवाब दाखिल कर दिया है। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसका खुलकर विरोध किया है।


 


परिषद ने कहा है कि कंपनियों पर उपभोक्ताओं का उदय व ट्रूअप का बकाया पास ऑन कर दिया जाए तो 25 फीसदी बिजली की दरों में कमी हो जाएगी। अगर इसमें बिजली कंपनियों के 4500 करोड़ के गैप को और कम कर दिया जाए तब भी 16 फीसदी बिजली की दरों में कमी आ जाएगी।


कंपनियों पर उपभोक्ताओं का उदय व ट्रूअप में वर्ष 2017-18 तक कुल 13337 करोड़ और कैरिंग कॉस्ट का 13 प्रतिशत जोड़ कर करीब 14782 करोड़ रुपये होता है। बिजली कंपनियों ने दरों में वृद्धि के लिए लाइन हानियों का सहारा लिया है। बिजली कंपनियों ने पहले बिजली दर बढ़ाने के नियत से 6 प्रतिशत लाइन हानियां बढ़ा कर एआरआर दाखिल किया। इसमें गैप लगभग 4500 करोड़ रुपये दिखाया गया है। पावर कार्पोरेशन ने रविवार की देर रात नियामक आयोग द्वारा मांगी गई कमियों पर जबाब दाखिल कर एआरआर स्वीकार करवाना चाहता है।


उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि बिजली कंपनियों की तरफ से अभी तक कैटेगरी वाइस बिजली दर बढ़ोत्तरी का कोई प्रस्ताव दाखिल नहीं किया गया है। एआरआर पर जो जवाब दाखिल किया गया है। उसमें पावर कार्पोरेशन ने नियामक आयोग से अपने गैप की भरपाई कराने की मांग की है। मतलब, बिजली कंपनियों का गैप पूरा करने के लिए आयोग स्वत: बिजली दर बढ़ाने का निर्णय ले। इससे साफ है कि एआरआर स्वीकार कर बिजली दर बढ़ोतरी की कार्यवाही शुरू कराने का इरादा है।


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