शनिवार, 11 जुलाई 2020

स्वामी कल्याण देव की पुण्यतिथि पर कथा प्रारंभ


मोरना। कथा व्यास आशीष माधव शास्त्री ने कहा कि कर्म से अच्छे और हृदय से सच्चे बने। प्रभु की कृपा से एक दासी पुत्र भी देवर्षि नारद बन जाते है। प्रभु कृपा के पात्र अवश्य बनिये।


पौराणिक शुकतीर्थ में भागवत पीठ शुकदेव आश्रम स्थित समाधि मंदिर में वीतराग स्वामी कल्याणदेव महाराज की 16वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कथा में भागवत प्रवक्ता आशीष माधव शास्त्री ने कहा कि भगवान की कृपा से जीवन वंदनीय बनता है। नारद, ध्रुव, प्रह्लाद और पांडवों पर प्रभु कृपा थी। जैसे धातु बर्तन को सही आकार देने के लिए अग्नि में कई बार तपाया जाता है, वैसे ही भक्तों को अनेक दुख तथा प्रतिकूलता का सामना करना पड़ता है। इन्हीं परिस्थितियों से गुजरने के बाद जीवन में निखार आता है, जीवन अनमोल बनता है। सतत प्रयास कीजिये ताकि जीवन को प्रभु कृपा मिले। सरलता, सहजता , निष्कपटता और कठिन संकट में प्रभु सुमिरन तथा ईश्वर पर विश्वास हमें भगवान का प्रिय बनाता है-जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करे सब कोई। जिसके ऊपर प्रभु कृपा हो जाती है, उस पर बाकी सब की कृपा भी हो जाती है। समस्त सृष्टि अनुकूल दिखती है। पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज के सानिध्य में कथा से पूर्व पूजन आचार्य गिरीश चंद उप्रेती ने कराया। यज्ञमान शैलेश चौरसिया, विजय शर्मा, राजू रहे।


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