टीआर ब्यूरो l
मुजफ्फरनगर l शुक्रताल में तीन सदी के युगदृष्टा, शुकतीर्थ के जीर्णोद्धारक, शिक्षा ऋषि, ब्रह्मलीन, परम पूज्य वीतराग स्वामी कल्याणदेव महाराज की 16वीं पुण्यतिथि मंगलवार को ऐतिहासिक भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम, शुकतीर्थ में कोविड-19 के चलते सादगी से मनाई जाएगी। परम तपस्वी संत की पावन स्मृति में आयोजित भागवत प्रवक्ता पंडित आशीष माधव शास्त्री की श्रीमद भागवत कथा यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद जी महाराज गुरुदेव के समाधि मंदिर में आचार्यो, पुरोहितों और विद्यार्थियों के साथ स्वामी जी का चरणाभिषेक करेंगे। पुष्पांजलि के बाद प्रसाद और भंडारा होगा।पुरुषार्थ से किया तीर्थो का जीर्णोद्धारमुजफ्फरनगर। भारत के धार्मिक तीर्थो के जीर्णोद्वार में संत शिरोमणि स्वामी कल्याणदेव का पुरुषार्थ अमिट है। पौराणिक शुकतीर्थ को भारत के तीर्थ मानचित्र पर अंकित किया, वहीं हस्तिनापुर और कुरुक्षेत्र को जन सुलभ बनाने में अहम योगदान दिया। गुरुकुलों की स्थापना कर उन्होंने पुरातन संस्कृति का संवर्धन किया। 26 नवंबर, 1958 को कार्तिक गंगा स्नान मेले में पधारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने कहा था कि स्वामी कल्याणदेव उत्तर प्रदेश के गांधी है।शिक्षा ऋषि को विवेकानंद से मिला था निष्काम सेवा का मंत्र- वीतराग संत ने पूरा किया बापू का ग्रामोत्थान का सपना- सौ वर्ष के जन सेवा काल में स्थापित की 250 शिक्षण संस्थाएं।
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