मंगलवार, 30 जून 2020

मिस्टर अनामिकाः एक मार्कशीट पर नौकरी करते मिले दो शिक्षक 


मुजफ्फरनगर/बरेली।  अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद पूरे प्रदेश में फर्जी शिक्षकों की जांच के बीच राज्य परियोजना निदेशक द्वारा भेजी 192 संदिग्ध शिक्षकों की सूची  में चार शिक्षक बरेली के भी हैं। प्रदीप कुमार नाम के कागजों पर मुजफ्फरनगर में भी एक शिक्षक कार्यरत है। मामला संदिग्ध देखते हुए बीएसए ने वेतन रोक कर जांच कमेटी बना दी है।
बीएसए दफ्तर में इन दिनों शिक्षकों के सत्यापन का कार्य तेजी से चल रहा है। जिन 4 शिक्षकों का नाम परियोजना निदेशक से प्राप्त हुए हैं, उनमें सबसे संदिग्ध मामला प्रदीप कुमार सक्सेना का निकला। प्रदीप भोजीपुरा ब्लाक के प्राइमरी स्कूल मुड़िया चेतराम में प्रधानाध्यापक हैं। वर्ष 2005 से वह बरेली में नौकरी कर रहे हैं। इसी नाम, मार्कशीट, जन्म तिथि व पैन कार्ड वाले कागजातों से एक शिक्षक मुजफ्फरनगर के भी प्राइमरी स्कूल में तैनात है। दोनों के शिक्षक संस्थान भी एक ही हैं। सिर्फ घर का पता बदला हुआ है। बीएसए विनय कुमार ने सोमवार को पूछताछ के लिए प्रदीप को दफ्तर बुलाया। पूछताछ के दौरान प्रदीप ने अपने सभी कागजातों को सत्य बताया। बहरहाल मामले को संदिग्ध देखते हुए बीएसए ने वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही जांच कमेटी का भी गठन कर दिया गया है। 
भदपुरा के जूनियर हाई स्कूल बिजासन में शिक्षक नीरज कुमार 2017 में सीतापुर से बरेली ट्रांसफर होकर आए थे। मानव संपदा पोर्टल पर उनका ब्यौरा दोनों ही जगह नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि यह एक साथ दो जगह से वेतन उठा रहे हैं। जूनियर हाई मेवासरसापुर में सहायक अध्यापक सुशील कुमार का पैनकार्ड संदिग्ध पाया गया है। इनके पैनकार्ड नंबर का उपयोग शिक्षिका राखी ने भी किया है। इन लोगों का भी वेतन रोक दिया गया है।


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