मुजफ्फरनगर। मौलाना मेहरबान अली (पूर्व महासचिव, जमीयत उलेमा, ज़िला मुजफ्फरनगर ) के बड़े भाई कारी अब्दुल रऊफ का आज सुबह एक दुर्घटना में दुःखद निधन हो गया। उनके निधन की खबर ने क्षेत्र में सदमे की लहर दौड गई। देश में सामाजिक दूरी के कारण सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिति में उन्हें दोपहर 12 बजे दफनाया गया।
मौलाना मेहरबान अली के बड़े बेटे उर्दू पत्रकार कलीम त्यागी ने एक प्रेस नोट में मीडिया को सूचित किया। जिसमें बताया कि कारी साहिब सुबह जंगल में अपने खेत की जुताई कर रहे थे। इसी दौरान ट्रैक्टर की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
कलीम त्यागी ने बताया कि वह लगभग 82 साल के थे। उन्हें कुरान से बेहद प्यार था। उन्होंने हमेशा कुरान को सुनने और सुनाने की अपनी आदत को बनाए रखा। मदरसा महमूदियाह सरवट से हफ़ज़ा मुकम्मल करने के बाद, उन्होंने दारुल उलूम देवबंद से तालीम हासिल की और कुछ वर्षों तक उन्होंने शिक्षण कार्य और इमामत की। बाद में उन्होंने अपने गांव बरला में खेती की।
वें एक धार्मिक प्रवत्ति के व्यक्ति थे, देशप्रेम उनमें कूट कूट कर भरा हुआ था। वे जमीयत उलेमा के सदस्य थे और अपने भाई मौलाना मेहरबान अली साहब को प्रोत्साहित करते थे। वे जमीयत उलेमा के कार्यक्रमों और सम्मेलनों में बड़े उत्साह से शामिल होते थे।
उनके उनके दुखद निधन पर जमीअत उलेमा ज़िला मुज़फ्फर नगर से मौलाना नज़र मुहम्मद, मौलाना कासिम कासमी, हाजी शाहिद त्यागी, मुहम्मद इकराम कस्सार, मौलाना ताहिर क़ासमी, मुरसलीन प्रधान, मौलाना मुकर्रम क़ासमी, फ़य्याज़ मलिक, कारी अब्दुल सलाम, मौलाना अब्दुल वली, कारी नफीस अहमद, मौलाना जमील अहमद, मुफ्ती अबु जंदल, मुफ्ती बिन यामीन, मुफ्ती ऐनुद्दीन कासमी, हाफिज मुहम्मद फुरकान असदी, मौलाना मूसा कासमी, मौलाना एहसान कासमी, बदर खान, शमीम कस्सार, गुलफाम अहमद, हाजी औसाफ़ अहमद, डॉ0 सलीम सलमानी, कारी सलीम मेहरबान, वसीम अकरम, मुहम्मद उमर, मदीना ट्रस्ट से तौहीद त्यागी, पैग़ाम ए इंसानियत से हाजी आसिफ राही, सेकुलर फ्रंट से गोहर सिद्दीकी, शाही इमाम ईदगाह मौलाना ज़ाकिर हुसैन, हर्फ़ज़ार लिटरेरी सोसाइटी अलीगढ़ से डॉ0 मुजीब शहजर, शाहिद गाजी, मास्टर अफजाल, हाजी अब्दुल वाजिद, मास्टर शाहिद खान, खलीक-उल-इस्लाम गाँव से भूषण त्यागी, प्रधान अरविंद त्यागी, वाजिद त्यागी, अब्दुल रब, शाहनवाज़ आदि ने शोक संदेश भेजे और उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ की।
मौलाना रब्बान अली ने नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई। उनके परिवार में एक बेटा और तीन बेटियां हैं।
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