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शुकतीर्थ (मुजफ्फरनगर)। कोरोना आपदा में लॉकडाउन की वजह से करीब ढाई माह बंद रहे पौराणिक शुकतीर्थ में भागवत पीठ शुकदेव आश्रम के मुख्य द्वार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गए। सबसे पहले वृंदावन और हरिद्वार के संतों ने अक्षय वट के दर्शन कर शुकदेव मंदिर में पूजा की।
तीर्थ नगरी के धर्मस्थलों सोमवार से श्रद्धालुओं के लिए खुल गए है। भागवत पीठ शुकदेव आश्रम के प्राचीन द्वार से थर्मल स्क्रीनिंग के बाद श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज कराये गये। शुकदेव मंदिर में भोर में 4 बजे आरती हुई। भागवत पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज ने विधि विधान से पूजन किया। तीर्थ जीर्णोद्वारक वीतराग स्वामी कल्याणदेव की पावन स्मृति को नमन किया गया। सबसे पहले वृंदावन और हरिद्वार के संतों स्वामी करुणा नन्द, स्वामी तुरीया नन्द, स्वामी आंनद स्वरूप, स्वामी चैतन्य आदि ने अक्षय वट के दर्शन किये। उसके बाद श्रद्धालुओं के दर्शन को पहुँचने का सिलसिला प्रारम्भ हो गया। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ एक बार में पांच दर्शनार्थियों को भेजा गया। हालांकि अभी शुकतीर्थ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम ही रही। श्रद्धालुओं ने गंगा में डूबकी भी लगाई। श्रद्धालुओं ने पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा व्यास आशीष माधव शास्त्री ने बताया कि फिलहाल वीतराग स्वामी कल्याण देव की समाधि मंदिर और संग्रहालय में प्रवेश निषेध रखा गया है। शुकदेव आश्रम के अलावा हनुमानधाम, गणेशधाम, शिवधाम, महेश्वर महादेव मंदिर, दुर्गाधाम, पीतांबराधाम, शानिधाम, महाशक्ति सिद्धपीठ, राम आश्रम, रामानुज कोट आश्रम रविदास आश्रम, समनदास आश्रम आदि सहित धाम के भी कपाट खुल गए है।
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