लखनऊ। साइंस की टीचर अनामिका शुक्ला का नाम इन दिनों खासा चर्चाओं में है। इसकी वजह है कि वो एक नहीं, बल्कि 25 स्कूलों में एक साथ ड्यूटी कर रही है। यही नहीं, वो 13 महीने की करीब 1 करोड़ की तनख्वाह भी ले चुकी है। साइंस टीचर के इस कारनामे से हर कोई हैरान और परेशान है। ये सोचने पर मजबूर है कि क्या ऐसा भी संभव है। वहीं, ऐसा मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए थे।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने आरोपित शिक्षिका अनामिका शुक्ला और उसके अभिलेखों का दुरुपयोग करने वाली अन्य शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि पहले सभी केजीबीवी में शिक्षकों की उपस्थिति रजिस्टर में मैनुअली दर्ज होती थी। इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं होती थी। एक की जगह दूसरी शिक्षिका अटेंडेंस भर देती थीं। इस अनियमितता पर अंकुश लगाने के लिए विभाग ने प्रेरणा ऐप के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति की डिजिटल मॉनिटरिंग शुरू की। इसमें पाया गया कि बागपत में बड़ौत क्षेत्र में स्थित केजीबीवी की विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला लंबे समय से से अनुपस्थित हैं। यह तथ्य सामने आने पर उनका वेतन भुगतान रोक दिया गया।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अनामिका शुक्ला प्रदेश के 25 अलग-अलग कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नौकरी कर रही हैं और वहां से मानदेय भी प्राप्त कर रही हैं। ऐसी खबर मीडिया में आने के बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। उन्होंने बताया कि बागपत में मामला उजागर होने पर शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है और उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है। जिन अन्य स्थानों पर इस मामले में गड़बड़ी का पता चला है वहां भी एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए गए हैं।
बता दें कि मैनपुरी की निवासी अनामिका शुक्ला नामक टीचर की पोस्टिंग प्रयागराज, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, सहारनपुर, बागपत सहित अन्य जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) स्कूलों में पाई गई है। इन स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होती है और हर महीने 30 हजार रुपए की तनख्वाह रहती है। 13 महीनों के दौरान टीचर पर कथित तौर पर एक करोड़ रुपए कमाने का आरोप लगा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मानव सेवा पोर्टल पर टीचर्स का डेटाबेस तैयार करते वक्त यह गड़बड़झाला सामने आया है। दरअसल, डिजिटल डेटाबेस में शिक्षकों के पर्सनल रिकॉर्ड, जुड़ने और प्रमोशन की तारीख की जरूरत होती है। एक बार रिकॉर्ड अपलोड होने के बाद, यह पाया गया कि अनामिका शुक्ला, एक ही पर्सनल डिटेल्स के साथ 25 स्कूलों में सूचीबद्ध थीं। इस दौरान अनामिका को बीते 13 महीने में 25 केजीबीवी में करीब कुल एक करोड़ रुपए के मानदेय का भुगतान किया गया। जिसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
शनिवार, 6 जून 2020
25 जिलों में ड्यूटी कर यूपी की टीचर अनामिका शुक्ला हुई बर्खास्त
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