रविवार, 31 मई 2020

लॉक डाउन का खुला उल्लंघन कर शुक्रताल पहुँचा जनसैलाब,

टीआर ब्यूरों l 


मुजफ्फरनगर l ज़िला प्रशासन ने एक पत्र जारी कर कहा था कि इस वर्ष लॉक डाउन के चलते मेले का आयोजन नहीं होगा l लॉकडाउन में प्रतिबंध के बावजूद प्रशासन की बिना अनुमति के ज्येष्ठ दशहरे के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड शुकतीर्थ पहुंच गई है। श्रद्धालुओं ने रविवार को गंगा स्नान व दीपदान किया। हालांकि घाट पर न तो साफ सफाई की गई है और गंगा में भी घाट के पास कीचड व पेड पौधे हैं लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था सब पर भारी पड़ रही है। आश्रमों के कपाट बन्द होने से श्रद्धालु तेज बारिश में भीगते नजर आये।ज्येष्ठ गंगा दशहरे पर शुकतीर्थ में रविवार की सुबह से ही ट्रेक्टर ट्रालियों व अपने निजी वाहनों में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था।


 


प्राचीन तीर्थ स्थल शुकतीर्थ में प्रतिवर्ष जिला पंचायत द्वारा ज्येष्ठ गंगा दशहरे के अवसर पर स्नान मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में दो लाख से अधिक लोग दिनभर में गंगा स्नान करते रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने को पिछले करीब 68 दिनों से जारी लॉक डाउन में धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। लॉकडाउन-4 का आखिरी दिन होने के कारण प्रतिबंध लागू हैं। पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की एडवाइजरी अनलॉक-1 के संबंध में आई। जिसमें धार्मिक स्थलों को 8 जून से खोलने की बात कही गई है। इसी से उत्साहित होकर श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए चल दिए। लॉक डाउन प्रतिबंध के चलते प्रशासन द्वारा मेले के आयोजन को रद्द किया गया है, जिसके चलते शुकतीर्थ में मेले के दौरान लगने वाले बाजार आदि नही लगाए गए हैं। कोई व्यवस्था घाट पर भी स्नान के लिए नही की गई है। भोपा पुलिस द्वारा शुकतीर्थ में सभी दुकानें भी बन्द करायी गयी हैं। इसके बावजूद रविवार दोपहर बाद श्रद्धालुओं का शुकतीर्थ पहुंचना शुरू हो गया। देर शाम तक हजारो श्रद्धालु टेक्टर ट्रॉली, मोटर साइकिल आदि वाहनों से शुकतीर्थ पहुंचते रहे थे। श्रद्धालुओं ने बारिश के बीच गंगा स्नान किया व पितरों के निमित दीपदान किया। --तैयारी न होने से फैली अव्यवस्थाप्रशासन द्वारा मेला आयोजन की कोई अनुमति न देने से किसी प्रकार की स्नान आदि की व्यवस्था इस बार जिला पंचायत द्वारा नहीं की गयी है, जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड रहा है। पीने का पानी, जलपान, उचित प्रकाश व्यवस्था आदि न होने से श्रद्धालुओं को असुविधाओं का सामना करना पड रहा है। --भारी गन्दगी के बीच हो रहा गंगा स्नान ज्येष्ठ गंगा दशहरे पर मेले का आयोजन नही होने के कारण गंगा घाट के सामने गंगा नदी की सफाई नही कराई गई है। गंगा घाट पर भारी गन्दगी फैली हुई है। घाट से उतरते ही पानी में जलकुम्भी तथा सिल्ट आदि होने के कारण श्रद्धालु गंगा घाट से इतर गहरे पानी में जाकर स्नान कर रहे हैं। जिससे खतरा भी हो सकता है। हालांकि कोई इंतजाम न तो घाट पर है और न ही किसी डूबते को बचाने के लिए गोताखोर लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि मुख्य स्नान रविवार की देर रात से शुरू होकर सोमवार की सुबह तक रहेगा। --सोशल डिस्टेंस व मास्क को भूलेलॉक डाउन के प्रतिबंध लागू होने और कोरोना संक्रमण रोकने को सोशल डिस्टेंस व चेहरे पर मास्क लगाने की अनिवार्यता के बावजूद यहां गंगा स्नान को पहुंचे लापरवाह श्रद्धालु न तो सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। वाहनों में भरकर पहुंच रही भीड को नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन ने हाथ खडे कर दिये हैं। --आश्रमों के बाहर बैठाया पहराश्रद्धालु आश्रमों न ठहरे, इसे लेकर प्रशासन द्वारा आश्रमों के द्वार पर पुलिस का पहरा बैठाया गया है। आश्रमों में प्रवेश को लेकर श्रद्धालु पुलिस से निवेदन कर रहे हैं। गंगा घाट पर सभी दुकानें बन्द होने से श्रद्धालुओं ने स्वयं खाना बनाकर खाने की व्यवस्था की।


 


काफी श्रद्धालुओं को वापस लौटायावहीं श्रद्धालुओं की बढती भीड को देखकर मोरना पुलिस चौकी पर पुलिस द्वारा शुकतीर्थ में गंगा स्नान करने जा रहे श्रद्धालुओं के वाहनों को रोककर कोरोना महामारी व लॉकडाउन का हवाला देकर वापस भेज दिया गया। वहीं श्रद्धालुओं ने वैकल्पिक मार्गों को अपनाते हुए शुकतीर्थ जाना जारी रखा। इस दौरान मोरना में जाम की स्थिति बनी रही। शुकतीर्थ में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच गई है।


 


 


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