शनिवार, 9 मई 2020

11 मई से शनि की उल्टी चाल, राशियों से लेकर शासन-प्रशासन पर असर


शनिदेव 11 मई की सुबह 09 बजकर 27 मिनट से वक्री चाल चलेगे और 29 सितंबर को मार्गी होंगे. यानि पूरे 142 दिनों के लिए शनि उल्टी चाल चलेंगे जिसका प्रभाव उन राशियों पर सबसे ज्यादा होगा जिन पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या है. इसके अलावा वक्री चाल का असर शेयर मार्केट से लेकर शासन-प्रशासन पर भी रहेगा. तो चलिए जानते हैं इस दौरान किन राशियों को राहत मिलेगी और किस पर प्रभाव होगा. 
11 मई 2020 से शनि वक्री यानि उल्टी चाल चलना प्रारंभ करेंगे. ऐसा कहा जाता है कि, शनि की उल्टी चाल अच्छी नहीं होती और उन लोगों को इसके परिणाम झेलने पड़ते हैं जिनकी जन्म कुंडली में शनि अशुभ या साढ़ेसाती और ढैय्या होती है. ध्यान देने वाली बात यह है कि, शनि 11 मई के बाद पूरे 142 दिनों के लिए उल्टी चाल चलेंगे और 29 सितंबर 2020 से जब मार्गी होंगे तब राशियों पर से अशुभ प्रभाव कम होगा. फिलहाल तो शनि मकर राशि में हैं. 
वैसे तो जब शनि उल्टी चाल चलते हैं तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है. लेकिन, जिनके काम अधूरे पड़े हैं. उन पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. इसलिए 11 मई से पहले ही अपने सारे अधूरे कामों को पूरा कर लें. इससे शनि की वक्री चाल का प्रभाव आपके कामों पर नहीं पड़ेगा.
शनि का उल्टी चाल चलने से सबसे ज्यादा प्रभाव उन पर पड़ेगा जिन पर साढे़साती हैं. इस समय मकर, कुंभ और धनु राशि पर साढ़ेसाती है. इसलिए इन राशियों को 11 मई से पहले से ही बचने के उपाय शुरू कर देने चाहिए. वरना अंजाम बुरे भी हो सकते हैं. क्योंकि, शनि की साढ़ेसाती और उस पर वक्री चाल काफी परेशान करती है. 
वह राशियां भी शनि की उल्टी चाल से सतर्क रहें जिन पर ढैय्या हैं. क्योंकि, शनि जब अशुभ होते हैं तो कई तरह से राशियों को परेशान करने लगते हैं. इसलिए मिथुन और तुला राशि वाले लोग अभी से शनि को प्रसन्न करने के उपाय शुरू कर दें. शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान करें और पीपड़ के पड़े के नीचे तेल का दीया जलाएं और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करें. 
हर शनिवार को अगर संभव हो तो शनि देव का पूरी श्रद्धा के साथ उपवास रखें.
शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल अर्पित कर सरसों के तेल का दीपक जलाएं
108 बार शनि के बीज मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का जाप करें.
शनिवार के दिन काले या नीले रंग का कपड़े पहने.
जरूरतमंद लोगों की मदद करें. 
शनि की वक्री चाल का असर शासन प्रशासन पर भी रहेगा. क्योंकि, अब तक तो शनि भ्रष्टाचारियों को दंड दे रहे थे मगर उल्टी चाल चलने से असामाजिक तत्वों और भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं, अधिकारियों को राहत मिलेगी और मौका मिलते ही पुरानी बुरी चीजों को करना आरंभ कर देंगे. इन्हें न तो प्रशासन का डर रहेगा और न ही भगवान का. इसी वजह से ज्योतिषी विद्वान शनि की वक्री चाल को अशुभ कहते हैं. इस दौरान सामाजिक शांति भी भंग होने लगती है.
शनि की वक्री चाल का असर शेयर बाजार पर भी रहेगा. इस दौरान शनि से संबंधित वस्तुओं के सेक्टर्स में अच्छी रौनक रहेगी. मगर 142 दिनों की अवधि में पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदाएं, आंधी-तूफान चक्रवातीय वर्षा हो सकती हैं. जो चिंता की बात है क्योंकि, इस समय धरती वैसे ही कोरोना का प्रकोप झेल रही है.इन राशियों को मिलेगी शांति
वक्री चाल की अवधि के दौरान मिथुन और तुला राशि (शनि ढैय्या), धनु, मकर एवं कुम्भ राशि (शनि साढ़ेसाती) के जातकों को कुछ वक्त के लिए शांति मिलेगी. इसलिए इस बीच इन राशियों को अपने कामों में सुधार लाने की आवश्यकता है जिससे शनि का प्रकोप कम हो सके और आने वाला वक्त अच्छे से बीत सके. वहीं बाकी राशियों को भी अच्छे कर्म करते रहना चाहिए.


वक्री चाल से बचने के उपाय
142 दिनों तक शनि की वक्री चाल के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनिवार को काले या नीले वस्त्र धारण करें. इसके अलावा पीपड़ को जल और सरसों के तेल का दीपक जलाएं. जरूरतमंद लोगों को दान दें और शनि के वैदिक मंत्र अथवा ‘ॐ नमो भगवते शनैश्चराय’ का जप करें. साथ ही बड़ों-छोटों का सम्मान करें. किसी के साथ बुरा व्यवहार न करें.


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