शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

ऑन लाइन बिक्री 15 मई तक प्रतिबंधित करने की मांग


मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने ऑनलाइन व्यापार को  15 मई तक प्रतिबंधित करने की मांग की है।
संगठन का कहना है कि लॉक डाउन अवधि में व्यापार बंद होने के बावजूद छोटे मध्यम व्यापारियों ने अपने कमज़्चारियों को अपने परिवार की तरह वेतन और सुविधाएं दी। मकान मालिकों को किराया भी दिया। यहां तक कि बंद अवधि का बिजली बिल भी शासन द्वारा अब तक माफ़ नहीं किया गया है। उपरोक्त खर्चो से वे पहले ही अपने परिवार के पालन पोषण को लेकर संकट से गुजर रहे हैं। ऐसे में लॉक डाउन समाप्त होने के बाद अगले कुछ माह में उन्हें आर्थिक संकट से उबरने की उम्मीद है। लेकिन यदि इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा इत्यादि ऑनलाइन बिजनेस को पहले खोल दिया गया तो देश के लाखों व्यापारियों की आथिज़्क बर्बादी लगभग तय है। अत: केंद्र सरकार अपने पालक होने का धर्म निभाए और 15 मई तक ऑनलाइन व्यापार को प्रतिबंधित करे। यहां यह भी अविस्मरणीय है कि देश में महामारी के संकट में संक्र्रमण के खतरे को जानते हुए भी देश के छोटे मध्यम किराना, सब्जी फल व्यापारियों ने दुकानें खोलकर जनता को सेवाएं दी । यही नहीं कई बार उन्हें अनावश्यक कुछ पुलिस कमिज़्यों से परेशान भी होना पड़ा,तब भी उन्होंने सेवाएं जारी रखी। जबकि ऑनलाइन व्यापार की कंपनियों ने पलायन कर रखा था। देश के समस्त व्यापारिक संगठनों से मेरी कर बद्ध विनती है कि केंद्र सरकार से उपरोक्त मांग करें। 
मांग करने वालों मेें  प्रदेश अध्यक्ष रविप्रकाश अग्रवाल, मुकुल अग्रवालप्रदेश महामंत्री तथा  अशोक बाठला वरिष्ठ संगठन प्रदेश मंत्री  पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल शामिल हैं। 


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