शनिवार, 30 मई 2020

विकास भवन में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लिए सैंपल

मुजफ्फरनगर l डीपीआरओ के कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग टीम आज विकास भवन पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विकास भवन कर्मचारियों के सैंपल लिए सैंपल लिए जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने का फैसला किया बताया जा रहा है


ज्ञात रहे कि विकास भवन के कर्मचारी की माता की मौत के बाद 11 परिजनों के संक्रमित मिलने के बाद प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आज विकास भवन में अभियान चलाकर वहां कर्मचारियों के सैम्पल लिये तथा सेनिटाईजेशन कराया गया। 


विकास भवन में डीपीआरओ कार्यालय के एक लिपिक की मां पिछले हफ्ते कोरोना पाॅजिटिव पाई गई थी, बाद में उक्त महिला की मृत्यु हो गई थी। महिला की मौत के बाद परिवारजनों के सैम्पल लिये गये थे, उसमें उक्त कर्मचारी समेत 11 परिजन कोरोना पाॅजिटिव पाये गये थे, जिसके बाद से विकास भवन के कर्मचारियों में हडकम्प मचा हुआ था। इसके चलते कल कर्मचारियों ने काम करने से भी इंकार कर दिया था। प्रशासन के निर्देश पर आज स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विकास भवन पहुंचकर वहां कर्मचारियों के सैम्पल लेने के साथ-साथ सेनेटाईजेशन अभियान भी चलाया


एक मामले में आजम खां को मिली जमानत


रामपुर। यतीमखाना मामले में सपा सांसद आजम खां सांसद आजम खां की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। धोखाधड़ी समेत कई मामलों में आजम खां  के साथ उनकी शहर विधायक पत्नी डॉक्टर तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला आजम भी इन दिनों जेल में है। इन तीनों ने 26 फरवरी को कोर्ट में सरेंडर किया था। इन सभी के खिलाफ मामलों की सुनवाई विभिन्न न्यायालयों में चल रही थी। कुछ मामलों में जमानत याचिकाएं भी दायर हुई थीं। 
लॉकडाउन के चलते कोर्ट बंद होने से आजम खां समेत तीनों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई भी लटक गई थी। दो माह बाद कोर्ट खुलने के बाद सपा सांसद ने अपनी रिहाई के लिए जमानत याचिकाएं कोर्ट में फिर लगाई हैं। कोतवाली में दर्ज यतीमखाना मामले में जमानत याचिका पर कल सुनवाई पूरी नहीं हो पाई थी। लिहाजा शुक्रवार को एक बार फिर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सपा सांसद आजम खां की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। 
आचार संहिता उल्लंघन के दो मामले और शत्रु संपत्ति के एक मामले में जमानत अर्जी पर एक जून को सुनवाई होगी।


गन्ने से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बाइक को मारी टक्कर पिता की मौत, पुत्र घायल

मन्सूरपुर l शुगर मिल में गन्ने ले जा रहे ट्रैक्टर ट्रॉले ने पुरबालियान निवासी बाइक सवार पिता-पुत्र को मारी टक्कर पिता की मौके पर मौत,पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।देर रात्रि बोपाडा के समीप पेट्रोल पंप के पास की घटना।पुलिस ने अज्ञात ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है l


मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों में एल-1 के कोविड अस्पतालों की तादाद दोगुनी की जाएगी


लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में लगातार कोरोना के बढ़ रहे आंकड़ों के बीच एल-1 के कोविड अस्पतालों की तादाद दोगुनी करने का फैसला किया है। ये बेड उन 20 जिलों में बढ़ाए जाएंगे, जहां कोरोना वायरस के ज्यादा मरीज पाए जा रहे हैं। इसके साथ ही ऐसे जिले जहां जिस तादाद में प्रवासी श्रमिकों आ रहे हैं, उस हिसाब से वहां बेड कम हैं। 20 जिलों  लेविल-1 के 245 कोविड केयर सेंटरों में लक्षण वाले मरीजों के साथ ही क्वारंटाइन बेड भी बनाए गए हैं। इनमें अब तक 11,423 मरीज भर्ती हैं।
 अब तक एल-1 के कोविड अस्पतालों में 21,075 बेड बनाए गए हैं। अब इन अस्पतालों में 21,000 और बेड बढ़ाए जाएंगे। इस सिलसिले में चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने मंडलायुक्त समेत सभी डीएम, सीएमओ और चिकित्सा अधीक्षकों को आदेश जारी कर दिए हैं। श्री प्रसाद ने सभी सीएमओ को  निर्देश दिए हैं कि वे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कोविड केयर सेंन्टरों का निरीक्षण कर वहां 21 हजार बेड जल्द बनाकर शासन को  सूचित करें।
जिन जिलों में बेड बढ़ाए जाने हैं, वे हैं - आगरा, मथुरा, अलीगढ़, आजमगढ़, बाराबंकी, बरेली, गोरखपुर, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ, उन्नाव, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, जौनपुर और वाराणसी। 


बच्चों को मिलेगा 76 दिनों के मिड डे मील का राशन व पैसा 



लखनऊ। लॉकडाउन अवधि व गर्मी की छुट्टियों के 76 दिनों के मिड डे मील का राशन व कन्वर्जन कॉस्ट बच्चों को दी जाएगी। 
इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी कर दिया है। प्राइमरी के बच्चे को 7.60 किग्रा और जूनियर में प्रति बच्चा 11.40 किग्रा राशन दिया जाएगा। ये राशन कोटेदार के माध्यम से दिया जाएगा। इसके लिए प्रधानाचार्य प्राधिकार पत्र (वाउचर) जारी करेंगे, जिसमें स्कूल, छात्र-छात्रा का नाम, पंजीयन संख्या, कक्षा व खाद्यान्न की मात्रा अंकित होगी। इसे एक समय में दो-तीन अभिभावकों को स्कूल बुलाकर दिया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग का इसमें ख्याल रखा जाएगा। वहीं खातों की जानकारी इकट्ठा करने के लिए तत्काल प्रभाव से प्रधानाचार्य व शिक्षकों को लगाया जाएगा। कन्वर्जेंस कॉस्ट अभिभावकों के खाते तो राशन कोटेदार के माध्यम से दिया जाएगा। प्राइमरी स्कूल के एक बच्चे को 76 दिन के लिए 374.29 रुपये और जूनियर में प्रति विद्यार्थी 561.02 रुपये कन्वर्जेंस कॉस्ट दी जाएगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चन्द द्विवेदी ने यह जानकारी दी है। सरकारी व सहायताप्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे 1.80 करोड़ बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। 
मिड डे मील में खाद्यान्न में गेहूं व चावल मिलता है। वहीं कन्वर्जेंस कॉस्ट दाल, सब्जी, मसाला, तेल, खाना पकाने के ईंधन आदि में खर्च होती है। मेन्यू में चार दिन चावल और दो दिन गेहूं से बने व्यंजन दिए जाते हैं।  


कक्षा                     अनाज                       कन्वर्जेंस कॉस्ट
कक्षा 1 से 5 तक   100 ग्राम प्रतिदिन      4.97 रुपये प्रतिदिन 
कक्षा 6-8 तक      150 ग्राम प्रतिदिन       7.45 रुपये प्रतिदिन    
(बीते शैक्षिक सत्र में कन्वर्जन कॉस्ट प्राइमरी के लिए 4.48 व जूनियर में 6.71 रुपये थी। लिहाजा 24 से 31 मार्च तक की गणना इसके आधार पर होगी।) 


कुल नामांकित बच्चे
  प्राथमिक            जूनियर             कुल बच्चे
 1,23,14,652    57,05,194      1,80,19,846    
(लगभग 50 फीसदी बच्चे ही एमडीएम खाते हैं)


मोदी रविवार को मन की बात में लॉकडाउन के अगले चरण को लेकर कर सकते हैं ऐलान


नई दिल्ली। केंद्र सरकार एक नई गाइडलाइंस पर काम कर रही है, जिसके तहत 1 जून से देश के ज्यादातर हिस्सों से लॉकडाउन की पाबंदियां खत्म कर दी जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि देश के 13 शहरों को छोड़कर बाकी सभी हिस्सों से पाबंदियों को हटाया जा सकता है। होटलों, मॉल्स और रेस्टोरेट्स को भी 1 जून से खोलने की इजाजत दी जा सकती है। मुमकिन है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मन की बात में लॉकडाउन के अगले चरण को लेकर कुछ बातें स्पष्ट करें। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला लिया जाना अभी बाकी है। 
गुरुवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने नई गाइडलाइंस को लेकर मंथन किया। 31 मई को अगले 15 दिनों के लिए देशभर में लागू किए जाने वाले दिशानिर्देशों को जारी किया जा सकता है। इन 13 शहरों- दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता, हावड़ा, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चेंगलपट्टु और तिरुवलुर में पाबंदियों को आगे भी जारी रखा जा सकता है। होटल, मॉल्स, रेस्टोरेट्स को 1 जून से खोलने की इजाजत दी जा सकती है। हालांकि, होटलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। इस बारे में सरकार जल्द ही फैसला लेगी। फिलहाल देश में हॉस्पिटैलिटी सर्विस पूरी तरह बंद है। अभी सिर्फ वही होटल काम कर रहे हैं जहां कोरोना के खिलाफ जंग में डटे पुलिसकर्मी, अधिकारी और हेल्थकेयर वर्करों को रखा गया है। एक अधिकारी ने बताया कि इस बात पर मंथन चल रहा है कि किस तरह अब आगे से लॉकडाउन जैसे शब्द के इस्तेमाल से बचा जाए। उन्होंने बताया कि राज्यों को पूरे अधिकार दिए जाएंगे कि अगर उन्हें जरूरी लगा तो सख्ती कर सकते हैं। शहरों के हालात के मद्देनजर राज्य यह फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगे कि वहां दी गई ढील को वापस लेकर और ज्यादा सख्ती की जाए या नहीं।
सूत्रों ने बताया कि 1 जून से ज्यादातर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों के साथ शुरू किया जा सकता है लेकिन मेट्रो के संचालन को अभी इजाजत दिए जाने की संभावना कम है।


मोदी की चिट्ठी : बोले मैं दुःखी हूं

नई दिल्ली. देश इन दिनों कोरोना महामारी की जंग लड़ रहा है. कोरोना संकट की इस घड़ी के बीच मोदी सरकार ने 29 मई को अपने दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा कर लिया. कोरोना से चल रही जंग और इस खास दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को एक खत लिखा है. इस खत के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश के लोगों की एकजुटता और दृढ़ निश्चय की जमकर तारीफ की है.


पीएम मोदी ने कहा पिछले एक साल में राष्ट्र ने ऐतिहासिक निर्णय लिए और देश ने तेजी से प्रगति भी की. इस खत के जरिए उन्होंने प्रवासी श्रमिकों, मजदूरों और अन्य लोगों के प्रति संवेदना भी प्रकट की जिन्हें कोरोना संकट के दौरान जबरदस्त पीड़ा झेलनी पड़ी है. उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि भारत आर्थिक पुनरुथान में एक मिसाल कायम करेगा और दुनिया को आश्चर्यचकित कर देगा जैसे उसने कोरोना महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में किया था.


प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है आप सभी ने साबित किया है कि भारतीयों की सामूहिक ताकत और सामर्थ्य किसी भी अन्य शक्तिशाली देशों के मुकाबले काफी आगे हैं. कोरोना संकट की घड़ी में ऐसा बिल्कुल नहीं कहा जा सकता कि किसी को भी दिक्कत या परेशानी न हुई हो. उद्योगों में काम कर रहे लोगों, प्रवासी मजदूरों और कामगारों ने इस दौरान असाधारण कष्ट झेला है. सारे कष्ट झेलने के बाद भी वह कोरोना के चल रही इस जंग में अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं.


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