मुजफ्फरनगर । नसीरपुर रोड स्थित प्रेरणा स्थल पर संजय चौहान (पूर्व सांसद बिजनौर लोकसभा क्षेत्र ) जी का 62 वी जयन्ती मनाया गया।जिसमें सभी पार्टी व संगठन के सदस्य मौजूद रहे। सर्वप्रथम हवन पूजन कर सभी ने स्वर्गीय संजय चौहान की समाधि पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी।
संजय चौहान ने बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहते हुए हर समस्या पर उन्होंने आवाज उठाई। रेलवे लाइन की उनकी एक मुख्य मांग थी जो मेरठ से हस्तिनापुर होते हुए बिजनौर से जोड़ना था आज उस पर तेजी से काम चल रहा है। जनपद मुजफ्फरनगर में उन्होंने सबसे पहले एक आवाज उठाई थी कि हमारे यहां दिल्ली से हरिद्वार के लिए कोई अच्छी ट्रेन नहीं थी और इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं हुआ था दोहरीकरण भी नहीं हुआ था वह आवाज बहुत जोरों से उठाई थी व इस पर भी आज काम चल रहा है। वह एक सादगी भरे इंसान थे वह हमेशा कहते थे कर्म ही पूजा है एवं सत्य का शत्रु स्वार्थ है।
गौरतलब है कि बिजनौर के पूर्व सांसद संजय चौहान का दो अक्टूबर 2015 हृदयाघात के चलते निधन हो गया था । दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली थी । उनकी मृत्यु की खबर सुनकर मुजफ्फरनगर और बिजनौर जिले में शोक की लहर दौड़ गई थी । संजय चौहान के निधन से गुर्जर राजनीति को कड़ा झटका लगा था। संजय चौहान मूलत: कैराना के गांव बीनड़ा के रहने वाले थे। उनके पिता चौधरी नारायण सिंह गुर्जर राजनीति के आधार स्तंभ व यूपी के उपमुख्यमंत्री रहे। संजय चौहान 1996 में मोरना विधानसभा से सपा के टिकट पर पहली बार विधायक बने, उनके सामने तब बसपा ने माफिया रहे नफीस कालिया को टिकट देकर उन्हें शिकस्त देनी की कोशिश की थी मगर उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी, हालांकि 2002 में वह विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने रालोद ज्वाइन की और बिजनौर लोकसभा सीट से वर्ष 2009 में 15वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए। संसद सदस्य के तौर पर संजय चौहान अनुमान समिति, फूड कंज्यूमर अफेयर व लोक वितरण समिति के सदस्य रहे। पूर्व सांसद अपने पीछे पत्नी, पुत्र चंदन सिंह चौहान व एक अन्य पुत्र-पुत्री को छोड़कर गए थे।
संजय चौहान की राजनैतिक विरासत को उनके पुत्र चन्दन चौहान ने सँभालते हुए समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2017 में खतौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा मगर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा । वर्तमान में चन्दन सिंह चौहान राष्ट्रीय लोक दल के युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा से गठबंधन के विधायक हैं और वर्तमान में बिजनौर लोकसभा में गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में चर्चाओं में है।
*अक्टूबर में जन्म तो अक्टूबर में ही हुई थी मृत्यु।*
बिजनौर लोकसभा के पूर्व सांसद स्वर्गीय संजय चौहान की ज़िंदगी का यह एक इत्तेफ़ाक़ भी रहा कि उनका जन्म 10 अक्टूबर को हुआ था तो मृत्यु भी अक्टूबर के महीने में ही 2 अक्टूबर को हुई थी ।
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