मुंबई। आरबीआई ने पुरानी पेंशन स्कीम पर फिर से चेतावनी दी है कि एनपीएस की जगह ओपीएस को लागू करने की भारी वित्तीय कीमत राज्यों को चुकानी होगी।
सोमवार को आरबीआई के शोध-कर्ताओं इस बारे में एक अध्ययन के आधार पर आलेख जारी किया है जिसमें कहा गया है कि राज्यों में ओपीएस को लागू करना वित्तीय तौर पर टिकाऊ नहीं है। अगर ऐसा होता है तो वर्ष 2040 के बाद राज्यों पर पेंशन भुगतान का बोझ मौजूदा स्तर के मुकाबले औसतन 4.5 गुणा तक बढ़ जाएगा। पिछले एक वर्ष के दौरान यह दूसरा मौका है जब आरबीआई की तरफ से इस तरह की चेतावनी आई है। यह तब आई है जब कई राज्यों के आगामी चुनाव व अगले आम चुनाव में भी पुरानी पेंशन स्कीम के एक बड़े मुद्दे के तौर पर उभरने की संभावना जताई जा रही है।
ऐसे में आरबीआई ने याद दिलाया है कि सभी राज्य अगर ओपीएस को लागू कर लेते हैं तो एनपीएस लागू करने के बाद उनकी पेंशन भुगतान का बोझ जो कम हुआ है वह खत्म हो जाएगा। चूंकि नई पेंशन योजना सही तरीके से वर्ष 2009 से लागू हुई है इसलिए ओपीएस फिर से लागू करने का बोझ हाल-फिलहाल की सरकारों को नहीं देनी होगी। इसका असर वर्ष 2040 के बाद दिखना शुरू होगा।
औसत आयु में वृद्धि होने की वजह से यह बोझ बाद के वर्षो में तेजी से बढ़ेगा। कुल कितना बोझ होगा, यह तो बताना अभी कठिन है क्योंकि बहुत कुछ भावी ब्याज दरों से भी तय होगा। रिपोर्ट के मुताबिक ओपीएस को फिर से लागू करना आर्थिक सुधारों को पीछे ले जाने वाला कदम होगा और वित्तीय सुधार के जो फायदे हुए हैं उनको खत्म करने जैसा होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें