नई दिल्ली। राजधानी के रानी बाग इलाके में नकली जीएसटी अधिकारी बनकर पंजाब के एक सर्राफा कारोबारी से दस किलो सोना लूट लिया। पुलिस ने लूट की वारदात को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने फर्जी जीएसटी अधिकारी बनकर सुनार से 10 किलो सोना लूट लिया। जिसकी बाजार में कीमत छह करोड़ रुपये बताई जा रही है। पुलिस ने जांच के दौरान कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले और आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपी को पंजाब से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि लुधियाना पंजाब के एक ज्वेलर के कर्मचारी से जालसाजों ने रानीबाग इलाके में दस किलो सोना लेकर फरार हो गए। आरोपियों ने खुद को जीएसटी अधिकारी बताकर वारदात को अंजाम दिया। उन लोगों ने कर्मचारी को दस्तावेज लेकर विभाग के कार्यालय में आने के लिए कहा। मालिक के जीएसटी कार्यालय जाने पर ठगी की जानकारी मिलने पर रानी बाग थाने में इसकी शिकायत की गई। जांच शुरू करने पर पुलिस को पता चला कि शिकायत करने वाले कर्मचारी ने ही अपने दोस्त के साथ वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने कर्मचारी के दोस्त को खन्ना पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है। उसके कब्जे से पुलिस ने 8 किलो सोना बरामद कर लिया है। बरामद सोना की कीमत 4.8 करोड़ रुपये आंकी गई है। पुलिस फरार कर्मचारी सहित वारदात में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
गिरफ्तार जालसाज की पहचान लुधियाना निवासी सुशील कुमार (42) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी पर धोखाधड़ी, दुष्कर्म सहित 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पंजाब के लुधियाना के ज्वेलर रविंद्र कुमार ने 15 जुलाई को रानी बाग थाने में ठगी की शिकायत की। शिकायत में उन्होंने बताया कि वह सोने के गहने बनाने के लिए नियमित रूप से दिल्ली से सोना खरीदते हैं। 10 जुलाई को उन्होंने अपने ड्राइवर बलराज और कर्मचारी राजन बावा को जीएसटी बिल के साथ दिल्ली से 6 करोड़ रुपये की कीमत के सोने की डिलीवरी लेने के लिए भेजा। रात करीब 9 बजे वे सोने की डिलीवरी लेकर वह अर्टिगा कार से लुधियाना (पंजाब) के लिए निकले। रात करीब 9:30 बजे वेस्ट एन्क्लेव के हरियाणा मातृ भवन के पास एक सफेद आई 20 कार ने उन्हें ओवरटेक किया। कार से दो अज्ञात व्यक्ति बाहर आए और खुद को जीएसटी विभाग का निरीक्षक सतबीर सिंह और रवि कुमार ने बताया। उन्होंने बताया कि उन्हें कार से अवैध रूप से सोना ले जाने की जानकारी मिली है। कार में 2-3 लोग भी बैठे थे। उनलोगों ने राजन से 10 सोने की प्लेटों का बिल मांगा। राजन ने मालिक को अपने मोबाइल से व्हाट्सएप कॉल किया और उनकी बात करवाई।
मालिक ने कहा कि उनके पास बिल हैं। दोनों अधिकारियों ने बिल से लेकर जीएसटी के उनके कार्यालय में आने के लिए कहा और सोना लेकर चले गए। अगले दिन ज्वेलर दिल्ली पहुंचे और जीएसटी विभाग के संबंधित कार्यालय में गए। जहां पता चला कि सतवीर और रवि कुमार नाम का कोई निरीक्षक नहीं है। राजन भी फोन बंद कर गायब था। उन्हें शक हुआ कि राजन ने अज्ञात लोगों के साथ वारदात को अंजाम दिया है।
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