मुजफ्फरनगर । मुजफ्फरनगर मिशन 2024 का रोडमैप माने जा रहे निकाय चुनाव में तमाम संसाधन झोंकने के बावजूद भाजपा को साइलेंट वोट की जो करारी टक्कर मिल रही है, उससे राजनीतिक पंडित हैरान हैं। मंत्रियों की फौज और संसाधनों के बल पर चुनावी मैदान में ताल ठोंक रही भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी मीनाक्षी स्वरूप और कई वार्डों में पार्टी के सभासद प्रत्याशियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा को अपने वैश्य वोट बैंक के साथ दूसरे वोटर में भी जिस असंतोष का सामना करना पड़ रहा है उससे गठबंधन प्रत्याशी लवली शर्मा समर्थकों के हौसले बढे हैं।
वोटिंग की तैयारी के बीच प्रत्याशी अंतिम दांवपेंच में जुटे हैं। भारतीय जनता पार्टी और गठबंधन प्रत्याशी के बीच सीधी टक्कर के हालात बनने से चुनाव दिलचस्प हो गया है। भाजपा के लिए तमाम नेता प्रचार में तो दिखे हैं लेकिन टिकट वितरण के बाद से शुरू हुआ अंतर्विरोध उसकी मुश्किलों को वार्ड से लेकर अध्यक्ष पद तक बढा रहा है। इसे ढांपने के लिए पार्टी के दिग्गज मैदान में उतरे तो हैं लेकिन इसमें उन्हें कितनी सफलता मिलेगी इस पर पार्टी का चुनाव टिका है। इसके साथ ही उसका वोटर कितने उत्साह से निकलेगा इस पर नतीजा टिका है। दूसरी ओर वार्डों में कई जगह पार्टी के सभासद प्रत्याशियों को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है।
इसके उलट गठबंधन का वोटर शांत है। नये जुड़े गांवों में उसका अच्छा जनाधार है। सपा रालोद और आसपा अब इसे भविष्य के लिए अपने अस्तित्व से जोड़ कर मैदान में उतरी है। उसका दावा है कि मुस्लिम वोटर गठबंधन से टुटेगा नहीं।
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