गुरुवार, 13 अप्रैल 2023

शारदेन स्कूल में धूमधाम से बैसाखी मनाई गई

 


मुजफ्फरनगर । शारदेन स्कूल में बहुत उत्साह के साथ बैसाखी का पर्व मनाया गया। कक्षा 4 और 5 के छात्रों ने 'बैसाखी क्यों मनाई जाती है' विषय पर अनुच्छेद लिखा। छात्रों ने अनुच्छेद द्वारा हमें संदेश दिया कि प्रकृति की पूजा करनी चाहिए। सिक्ख समुदाय बैसाखी को नए साल के रूप में मनाते हैं , इस दिन फसलों की पकने पर उनकी कटाई की जाती है। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि सिक्खों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने बैसाखी के दिन ही 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी। इसलिए भी सिख समुदाय इस त्यौहार को धूमधाम से मनाते हैं।

 इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं और फसल के कट कर घर आ जाने की खुशी में भगवान और प्रकृति को धन्यवाद करते हैं। मंच पर ही कक्षा 6 ,7, 8 की छात्र - छात्राओं ने बैसाखी तथा जलियांवाला बाग पर लघु नाटिका तथा मनमोहक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। छोटे-छोटे बच्चों ने 'आई बैसाखी आई' पर नृत्य प्रस्तुत करके पूरे विद्यालय को मंत्रमुग्ध कर दिया, उनके नृत्य पर पूरा विद्यालय का प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

अंत में प्रधानाचार्या धारा रतन ने पूरे शारदेन परिवार को बैसाखी की बधाई देते हुए कहा कि 'कृषि का उत्सव है बैसाखी'। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सूर्य की स्थिति परिवर्तन के कारण इस दिन के बाद धूप तेज होने लगती हैं और गर्मी शुरू हो जाती है ।गर्म किरणों से रबी की फसल पक जाती है, इसलिए किसानों के लिए एक उत्सव की तरह है। हमें प्रकृति की संरक्षण एवं पूजा करनी चाहिए

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