मुजफ्फरनगर । निकाय चुनाव में सपा, रालोद और आसपा गठबंधन के बीच चली आ रही टिकट बंटवारे की रार किसी हद तक खत्म हो गई है। दोनों दलों के प्रतिनिधिमंडल के बीच कई घंटे बातचीत हुई। करीब 15 वार्डों पर एक ही प्रत्याशी उतारने पर सहमति बन गई। मगर, चार वार्ड ऐसे हैं, जहां दोनों दलों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरेंगे।
सभासद प्रत्याशियों के टिकट बंटवारे को लेकर गठबंधन के बीच सियासी मतभेद हो गए थे। शहर में ऐसे करीब 19 वार्ड थे, जिन पर दोनों ही दलों के प्रत्याशियों ने अपना-अपना नामांकन कर दिया था। बयानबाजी की गूंज लखनऊ तक हुई। बुधवार को रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, संगठन महासचिव अजीत राठी, पूर्व सांसद राजपाल सैनी, धर्मेंद्र नीटू, सपा जिलाध्यक्ष जिया चौधरी, पूर्व जिलाध्यक्ष इलम सिंह गुर्जर और बॉबी त्यागी के बीच शहर के मेरठ रोड स्थित रेस्टोरेंट में बातचीत हुई। कई घंटे चली बातचीत के बाद दोनों दलों में करीब 15 वार्डों पर एक ही प्रत्याशी लड़ाने पर सहमति बन गई। तय किया गया कि दूसरे दल का प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले लेगा।
मगर, शहर के वार्ड 41, 43, 22 और तीन में प्रत्याशियों पर सहमति नहीं बन सकी। तय किया गया कि यहां दोनों दल अपने-अपने प्रत्याशी चुनाव लड़ाएंगे। रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक और सपा जिलाध्यक्ष जिया चौधरी ने गठबंधन पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगा। कुछ वार्डों पर प्रत्याशियों के पीछे नहीं हटने के कारण सहमति नहीं बन सकी, जिस कारण दोस्ताना मुकाबले होंगे। गठबंधन पूरी तरह एक हो गया है। दोनों पालिकाओं और आठ नगर पंचायतों में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ाया जाएगा।
निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद पर सपा दो जगह ही सिंबल पर चुनाव लड़ रही है। शहर पालिका सीट पर लवली शर्मा और बुढ़ाना नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए उमा त्यागी चुनाव के मैदान में है। हालांकि मीरापुर और चरथावल सीट भी सपा के हिस्से में आई थी, लेकिन यहां पर सपा ने सिंबल के बजाए अपने प्रत्याशियों को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा है।
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