फरीदकोट। उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर व नेता मुख्तार अंसारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए नियुक्त किए गए वकील को 55 लाख रुपए फीस देने से आप सरकार ने इनकार कर दिया है। वकील को पूर्व कांग्रेस सरकार ने नियुक्त किया था। उस समय एक तारीख पर 11 लाख फीस देना तय हुआ था। ऐस में वकील द्वारा 5 बार की पेशी का 55 लाख रुपए का बकाया बिल पंजाब सरकार को भेजा गया है।
सीएम भगवंत मान ने कहा, 'यूपी के अपराधी को रोपड़ जेल में वीआईपी सुविधाएं देकर रखा गया। 48 बार वारंट जारी होने के बावजूद पेश नहीं किया। महंगे वकील किए। जिसका खर्चा 55 लाख आया। मैंने लोगों के टैक्स से खर्चे वाली फाइल वापस मोड़ दी है। जिन मंत्रियों के आदेश पर ये फैसला हुआ, इसका खर्चा उनसे वसूलने के बारे में विचार किया जा रहा है।' बता दें कि गैंगस्टर मुख्तार अंसारी पंजाब की रूपनगर जेल में जनवरी, 2019 से अप्रैल 2021 के बीच में बंद था। इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस उसे वढ की जेल में ले जाना चाहती थी, जिसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से पंजाब सरकार को 25 रिमांइडर भी भेजे गए, लेकिन पंजाब सरकार द्वारा अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले नहीं किया गया। इस पर उत्तर प्रदेश पुलिस सुप्रीम कोर्ट पहुंची।
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