गुरुवार, 23 मार्च 2023

चली जाएगी राहुल गांधी की संसद सदस्यता


सूरत।'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है...के बयान पर उन पर पिछले 4 साल से मानहानि का मामला चल रहा था। इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया। राहुल कोर्ट में मौजूद रहे।

राहुल को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। राहुल के वकील ने कोर्ट से कहा- इस पूरी घटना में कोई घायल नहीं हुआ। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इसलिए हम किसी प्रकार की दया की याचना नहीं करते हैं।

कोर्ट ने अगर राहुल को 2 साल या उससे ज्यादा सजा दी तो उनकी सांसदी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा देने वाले जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(4) को खत्म कर दिया था। राहुल इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल ने अपने भाषण में कहा था कि चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेश के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।

पूर्णेश ने कहा था- आखिरी सांस तक लड़ेंगे

यह केस सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज किया था। पूर्णेश का कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे समाज को चोर कहा था। चुनावी सभा में हमारे खिलाफ आरोप लगाए गए, जिससे हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची। इसी के चलते हम इस मामले को कोर्ट में लेकर आए। हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।

हालांकि, राहुल गांधी के वकील ने दलील दी थी कि पूर्णेश मोदी को इस मामले में पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता नहीं होना चाहिए था, क्योंकि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधान मंत्री को निशाना बनाया गया था, न कि पूर्णेश मोदी को।

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