:- पं० विनय शर्मा
धार्मिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक के समय को होलाष्टक कहा गया है इस वर्ष 27 फरवरी 2023 दिन सोमवार से होलाष्टक शुरू हो रहें हैं। होलिका पूजन करने के लिए होली से आठ दिन पूर्व होलिका दहन वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर उसमें सूखी लकड़ी, उपले व होली का डंडा स्थापित कर दिया जाता हैं। मुज़फ़्फ़रनगर के प्रसिद्ध धार्मिक संस्थान विष्णुलोक के संचालक रत्न रुद्राक्ष विशेषज्ञ पं० विनय शर्मा ने बताया कि होलाष्टक के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण एवं विद्यारंभ आदि सभी मांगलिक कार्य या कोई नवीन कार्य प्रारम्भ करना शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना गया है। होलाष्टक देवी-देवताओं की आराधना के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं। होलाष्टक के दिनो में महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से किया जाये तो हर तरह के रोग से छुटकारा मिलता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि को कामदेव ने महादेव की तपस्या भंग की थी। इससे क्रोधित होकर शिव जी ने कामदेव को भस्म कर दिया था। प्रेम के देवता कामदेव के भस्म होते ही सारी सृष्टि में शोक से व्याकुल व्याप्त हो गया। अपने पति को पुन: जीवित करने के लिए रति ने अन्य देवी-देवताओ सहित शिव जी से अनुनय-विनय की। प्रसन्न होकर भोले शंकर ने कामदेव को पुर्नजीवन का आशीर्वाद दिया। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को कामदेव भस्म हुए और आठ दिन बाद महादेव से रति को उनके पुर्नजीवन का आशीर्वाद प्राप्त हुआ । अन्य कथा के अनुसार उधर प्रहलाद की विष्णु भक्ति से नाराज उसके पिता राजा हिरण्यकश्यप ने इन आठ दिनो में उनको कठिन यातनाएँ दी। पूर्णिमा के दिन हिरण्यकश्यप ने बहन होलिका (जिसे आग में न जलने का वरदान प्राप्त था)के साथ प्रहलाद को जला दिया। लेकिन प्रहलाद ईश्वर कृपा से बच गए और होलिका जल गयी। भक्ति पर आघात की इसी अवधि को होलाष्टक के रूप में मनाया जाता हैं।
ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार अष्टमी से पूर्णिमा तक नवग्रह भी उग्र रूप लिए रहते है, यही वजह है कि इस अवधि में किए जाने वाले शुभ कार्यों में अमंगल होने की आशंका बनी रहती है। होलाष्टक में अष्टमी को चन्द्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र रहते है एवं नकारात्मकता की अधिकता रहती है। इसका असर व्यक्ति के सोचने - समझने की क्षमता पर भी पड़ता है।
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