मुजफ्फरनगर । जिलाधिकारी ने बायोडीजल पम्प के नाम पर और अन्य जगह चोरी-छिपे डीजल-पेटौल की बिक्री करने वालों के विरूद्ध गहन जांच हेतु टीम गठित की। सभी दोषियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम और आई0पी0सी0 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कराने के दिये निर्देश जारी किये ।
जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने पिछले एक-दो दिन से समाचार पत्रों में अवैध तरीके से जनपद मुजफ्फरनगर के कुछ क्षेत्रों में बायोडीजल पम्प के नाम पर डीजल एवं पेट्रोल की अनधिकृत तरीके से बिक्री की खबरों का कड़ाई से संज्ञान लिया। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी महोदय ने कुछ व्यक्तियों द्वारा भी चोरी-छिपे डीजल/पेट्रोल की बिक्री किये जाने से संबंधित खबरों का भी गंभीरता से संज्ञान लिया है।
अवगत कराना है कि शासनादेश संख्या 74भा0स0/29-7-2009- एम-7/2005 दिनांक 26 जून 2009 के द्वारा निर्देशित किया गया है कि मोटर स्प्रिट एवं हाई स्पीड डीजल(रेगुलेशन आॅफ सप्लाई एण्ड डिस्ट्ीव्यूशन एण्ड प्रिवेशन आॅफ माल पै्रक्टिसेस) आदेश 2005 के प्रस्तर-3(5) में यह स्पष्ट व्यवस्था है कि कोई भी व्यक्ति मोटर स्प्रिट या हाईस्पीड डीजल या केन्द्र सरकार द्वारा अधिकृत ईधन के अतिरिक्त किसी पेट्रोलियम पदार्थ या मिश्रण को चाहे वह किसी रूप, नाम, ब्रांड का हो, जो परिवहन ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता हो, का व्यवसाय नहीं किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त संदर्भित आदेश 2005 के प्रस्तर-4 में यह व्यवस्था की गयी है कि भारत सरकार से प्राधिकार प्राप्त किये बिना कोई व्यक्ति मोटर स्प्रिट एवं हाई स्पीड डीजल की बिक्री या व्यवसाय नहीं कर सकेगा।
डीजल/पेट्रोल की अनाधिकृत बिक्री ना सिर्फ आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं भारतीय दण्ड संहिता आदि के सुसंगत प्राविधानों का उल्लंघन है। बल्कि इससे आम जनता के जान-माल के लिए खतरा भी रहता है। अतः एतद्द्वारा जनपद में डीजल/पेट्रोल के अनाधिकृत बिक्री को रोकने एवं इसमें लिप्त संबंधित दोषी व्यक्तियों के खिलाफ विधिक/दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित कराने हेतु जिलाधिकारी द्वारा निम्नवत् आदेश जारी किये गये। कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना निर्धारित विधिक प्रक्रिया पूर्ण किये, अनापत्ति प्रमाण पत्र, लाईसेन्स आदि प्राप्त किये एवं बिना सक्षम आॅयल कम्पनी/प्राधिकारी से अधिकार प्राप्त किये, मोटर स्प्रिट(पेट्रोल) या हाईस्पीड डीजल या इसके मिश्रण को चाहे वह किसी भी रूप, नाम, ब्रांड का हो, बिक्री नहीं करेगा। संबंधित उपजिलाधिकारी अपने-अपने तहसील में संबंधित क्षेत्रीय खा़द्य अधिकारी/पूर्ति निरीक्षक एवं पुलिस बल के साथ अगले एक सप्ताह तक इसकी जांच के लिए सघन अभियान चलायेंगे। कही भी यदि अनधिकृत तरीकें से डीजल/पेट्रोल का भण्डारण या बिक्री पायी जाती है तो तत्काल संबंधित के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 एवं भारतीय दण्ड संहिता आदि के सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कराते हुए कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करायेंगे।
यदि किसी क्षेत्र में चोरी-छिपे अनाधिकृत तरीकें से डीजल/पेट्रोल की बिक्री होती है तो संबंधित लेखपाल एवं ग्राम पंचायत सेके्रटरी का यह दायित्व होगा कि वह तत्काल लिखित रूप में ऐसे प्रकरण को अपने उपजिलाधिकारी के संज्ञान में लिखित रूप से लाये। संबंधित उपजिलाधिकारी तत्काल ऐसे प्रकरण में संबंधित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी/पूर्ति निरीक्षक के माध्यम से कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करायेंगे। ऐरिया आफिस मुजफ्फरनगर क्षेत्र में यह कार्यवाही संबंधित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी एवं पूर्ति निरीक्षक द्वारा सुनिश्चित की जायेगी।
4. प्रत्येक क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी एवं पूर्ति निरीक्षक का दायित्व होगा कि वह सुनिश्चित करायेंगे कि उनके क्षेत्र में कही भी अनधिकृत तरीकें से डीजल/पेट्रोल की बिक्री ना हो। इसके लिए अपने उपजिलाधिकारी के सहयोग से निरन्तर जांच अभियान चलाते रहेंगे। इसके अतिरिक्त निरन्तर स्वयं भी भ्रमणशील रहकर यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके यहां कही पर भी अनधिकृत तरीके से डीजल या पेट्रोल की बिक्री ना हो। यदि भविष्य में किसी भी क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी/पूर्ति निरीक्षक/आपूर्ति लिपिक के तैनाती क्षेत्र में कही भी अनधिकृत तरीके से डीजल या पेट्रोल की बिक्री पायी गयी तो संबंधित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी, पूर्ति निरीक्षक एवं आपूर्ति लिपिक का व्यक्तिगत उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनके खिलाफ भी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा एवं इसका कडाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।
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