शनिवार, 30 अक्तूबर 2021

क्यूं मनाते हैं दीपावली

 


"हम दीपावली का त्यौहार क्यूँ मनाते है?"

इसका अधिकतर उत्तर मिलता है राम जी के वनवास से लौटने की ख़ुशी में।

सच है पर अधूरा।।    

अगर ऐसा ही है तो फिर हम सब दीपावली पर भगवन राम की पूजा क्यों नहीं करते? लक्ष्मी जी और गणेश भगवन की क्यों करते है? 

सोच में पड़ गए न आप भी।

इसका उत्तर आप तक पहुँचाने का प्रयत्न कर रहा हूँ अगर कोई त्रुटि रह जाये तो क्षमा कीजियेगा।

1. देवी लक्ष्मी जी का प्राकट्य:

 देवी लक्ष्मी जी कार्तिक मॉस की अमावस्या के दिन समुन्दर मंथन में से अवतार लेकर प्रकट हुई थी।

2. भगवन विष्णु द्वारा लक्ष्मी जी को बचाना: 

भगवन विष्णु ने आज ही के दिन अपने पांचवे अवतार वामन अवतार में देवी लक्ष्मी को राजा बालि से मुक्त करवाया था।

3. नरकासुर वध कृष्ण द्वारा: 

 इस दिन भगवन कृष्ण ने राक्षसों के राजा नरकासुर का वध कर उसके चंगुल से 16100 अपहरण की गई राजकुमारियों को मुक्त करवाया था। इसी ख़ुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया। इसे विजय पर्व के नाम से भी जाना जाता है।

4.  पांडवो की वापसी: 

महाभारत में लिखे अनुसार कार्तिक अमावस्या को पांडव अपना 12 साल का वनवास व एक वर्ष का अज्ञातवास काट कर वापिस आये थे। जो की उन्हें चौसर में कौरवो द्वारा हराये जाने के परिणाम स्वरूप मिला था। इस प्रकार उनके लौटने की खुशी में दीपावली मनाई गई।

5. राम जी की विजय पर : 

रामायण के अनुसार ये चंद्रमा के कार्तिक मास की अमावस्या के नए दिन की शुरुआत थी जब भगवन राम माता सीता और लक्ष्मण जी अयोध्या वापिस लौटे थे। रावण और उसकी लंका का दहन करके। अयोध्या के नागरिकों ने पूरे राज्य को इस प्रकार दीपमाला से प्रकाशित किया था जैसा आजतक कभी भी नहीं हुआ था। 

6. विक्रमादित्य का राजतिलक: 

आज ही के दिन भारत के महान राजा विक्रमदित्य का राज्याभिषेक हुआ था। इसी कारण दीपावली अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना भी है।

7. आर्य समाज के लिए प्रमुख दिन: 

 आज ही के दिन कार्तिक अमावस्या को एक महान व्यक्ति स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने हिंदुत्व का अस्तित्व बनाये रखने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी।

8. जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण दिन:

 महावीर तीर्थंकर जी ने कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही मोक्ष प्राप्त किया था।

9. सिक्खों के लिए महत्त्व: 

 तीसरे सिक्ख गुरु गुरु अमरदास जी ने लाल पत्र दिवस के रूप में मनाया था। जिसमे सभी श्रद्धालु गुरु से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे और 1577 में अमृतसर में हरिमंदिर साहिब का शिलान्यास किया गया था।

1619 में सिक्ख गुरु हरगोबिन्द  जी को ग्वालियर के किले में 52 राजाओ के साथ मुक्त किया गया था। जिन्हें मुगल बादशाह जहांगीर ने नजरबन्द किया हुआ था।  इसे सिक्ख समाज बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी जानते हैं।

10. द पोप का दीपावली पर भाषण: 

 1999 में पॉप जॉन पॉल 2 ने भारत में एक खास भाषण दिया था। जिसमे चर्च को दीपावली के दीयों से सजाया गया था। पॉप  के माथे पर तिलक लगाया गया था। और उन्होंने  दीपावली के संदर्भ में रोंगटे खड़े कर देने वाली बाते बताई।

🌸भगवान् गणेश सभी देवो में प्रथम पूजनीय है इसी कारण उनकी देवी लक्ष्मी जी के साथ दीपावली पर पूजा होती है और बाकी सभी कारणों के लिए हम दीपमाला लगाकर दीपावली का त्यौहार मनाते हैं।

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