शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

गाजीपुर से आए बाबा जगतार सिंह बाजवा ने की महापंचायत की तैयारियों की समीक्षा


मुजफ्फरनगर । 05 सितम्बर की संयुक्त किसान मोर्चा की ऐतिहासिक होगी किसान महापंचायत, गाजीपुर बोर्डर से जगतार सिंह बाजवा, दिगम्बर सिंह ने तैयारियों को लेकर की चर्चा

आज गाजीपुर बार्डर के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा व भारतीय किसान यूनियन के निवर्तमान युवा प्रदेश अध्यक्ष चौ0 दिगम्बर सिंह ने 05 सितम्बर में होने वाली किसान महापंचायत स्थल का निरीक्षण किया तथा किसानों के ठहरने, खाने हेतु लंगर, जेनरेटर सहित चिकित्सा सुविधा, सुरक्षा व्यवस्था, शौचालय एवं स्नान की व्यवस्था, वालिन्टियर की टीम आदि विषयों पर जोर दिया। पंचायत स्थल के आसपास एवं ग्राउण्ड में 35 मैडिकल कैम्प, 4 एम्बुलैन्स, प्राथमिक चिकित्सा मोबाइल टीम, अस्थाई 5 बैड का हॉस्पिटल बनाने, राजकीय इण्टर कॉलेज, छोटूराम इण्टर कॉलेज, महावीर चौक कार्यालय पर भंडारे का इन्तजाम किया जायेगा। पार्किंग व्यवस्था को लेकर तय किया गया कि मेरठ रोड से आने वाले सभी वाहनों को नुमाईश कैम्प में पार्क कराया जायेगा। सूजडू चुंगी से सरकुलर रोड पर जाने के लिए किसी भी वाहन को इजाजत नहीं दी जायेगी। मुजफ्फरनगर-शामली रोड, चरथावल रोड से खालापार होते हुए सभी वाहनों को इस्लामिया इण्टर कॉलेज व डीएवी इण्टर कॉलेज में पार्क कराते हुए आगे जाने की इजाजत नहीं दी जायेगी। जानसठ-बिजनौर रोड से आने वाले सभी वाहन महावीर चौक से पुल के नीचे से माल गोदाम रेलवे स्टेशन पर पार्क कराये जायेंगे। रूडकी रोड, भोपा रोड से आने वाले सभी वाहन रेलवे स्टेशन माल गोदाम पर पार्क कराये जायेगें। सरकुलर रोड, डीएवी कॉलेज से महावीर चौक, प्रकाश चौक से महावीर चौक पर आने के लिए एम्बुलैन्स एवं भंडारे के अलावा किसी वाहन को इजाजत नहीं दी जायेगी। नियत स्थान के बाद सभा स्थल तक सभी लोग पैदम जायेंगें। पंचायत में कई लाख लोगों के पहुँचने की सम्भावना है। संयुक्त मोर्चा के सभी नेता कार्यक्रम में शामिल रहेंगें। भारतीय किसान यूनियन शहर के व्यापारियों से भी अपील करती है कि आने वाले किसानों के सम्मान में जलपान की व्यवस्था करने में कोई कसन नहीं छोडें। 

पंचायत स्थल पर निरीक्षण के दौरान साथ में भाकियू मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक  भी मौजूद रहे। उन्होंने ने कहा यह महापंचायत इतिहास के दौर की अब तक की सबसे बडी किसान महापंचायत होगी। यह पंचायत कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आन्दोलन व संयुक्त किसान मोर्चे के मिशन यूपी की दिशा तय करेगी। यदि सरकार ने कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया व एमएसपी पर गारंटी का कानून नहीं बनाया तो मोंर्चा यूपी समेत अन्य राज्यों में भी महापंचायत के माध्यम से आन्दोलन को तेज करेगा। यह आन्दोलन कार्पोरेट बनाम किसान है। आज किसान देश की दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ रहा है और यह लड़ाई किसान जीतकर ही वापिस घर जायेगा।

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