रविवार, 4 जुलाई 2021

इस ज़िले के अफसरों ने रिश्वत और सरकारी खजाने से खरीदवाया 1.6 लाख की कीमत का मोबाईल

 



लखनऊ । प्रदेश के सभी जिलों में रिश्वतखोरी इस वक़्त अपने चरम पर है। कहीं कर्मचारी तो कहीं जिले के बड़े अफसर रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। संघ परिवार से जुड़े एक व्यापारी ने अफसरों पर तमाम आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास पर आत्महत्या की चेतावनी दी है। 

मामला दरअसल जनपद शामली का बताया जा रहा है जहाँ पिछले कुछ दिनों से चर्चाओं में चल रहा कथित रिश्वत और लेनदेन का प्रकरण प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक आम हो गया है । आर एस एस से जुड़े एक व्यापारी ने एक एडीएम पर लाखों रुपये की उगाही करने और शिकायत पर एनकाउंटर की आशंका जताते हुए तमाम आरोप लगाए हैं। उसने डीएम, एडीएम, तहसीलदार और सीओ तक को इस रिश्वत कांड में सहयोगी बताया है। 

पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और एक्टिविस्ट डा.नूतन ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर बताया है कि उनकी जानकारी के अनुसार शामली के एक अधिकारी ने वर्ष 2020 को एक कीमती मोबाइल फोन सेमसंग ग्लैक्सी एस20 अल्ट्रा जिसकी कीमत करीब एक लाख 6 हजार रुपये का खरीदवाया और जिसका इस्तेमाल वहां की डीएम के पति वर्तमान में कर रहे हैं। पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि इस मोबाइल फोन का 56 हजार रुपये का भुगतान शामली निवासी दीपक बंसल ने अपने करेंट अकाउंट से किया है शेष 48 हजार रुपये का भुगतान दिनांक 30 मई 2020 को शामली की सरकारी ट्रेजरी से किया गया है। अमिताभ और नूतन ने कहा कि यदि यह आरोप सही हैं तो अत्यंत गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि एक ही फोन के लिए निजी व्यक्ति तथा सरकार द्वारा आंशिक भुगतान भी पूरी तरह अनुचित और आपत्तिजनक माना जाना चाहिए । उनके द्वारा पत्र के साथ शामली ट्रेजरी की रसीद भी संलग्न कर प्रेषित की गई है। अमिताभ और नूतन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उक्त तथ्यों की उच्चस्तरीय जांच कराते हुए आरोप साबित होने पर नियमानुसार कार्रवाई की मांग की है।

बता दें कि शामली के दीपक बंसल उर्फ पोचू की लखनऊ के के एक सोशल मीडिया पोर्टल पर हुई बातचीत की वीडियो पिछले दो-तीन दिनों से आम व्यवसायी, ठेली, पटरी, कामगार, भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर जनपद के राजनीतिक मंचों पर खासी चर्चा का विषय बनी हुई है। रविवार को भाजपा से संबंधित एक व्हाट्स ऐप ग्रुप पर कई कार्यकर्ताओं ने कुछ दस्तावेज और फोटोग्राफ पोस्ट किए हैं। इनमें किसी अधिकारी की ऑडियो रिकार्डिंग भी शामिल हैं, जो किसी को आकर कांट्रेक्ट लेने के लिए कहती हुई बतायी जाती हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इन दस्तावेजों और ऑडियो क्लिप को गंभीर मामला बताते हुए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि को धूमिल कर रहे अफसरों के खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग भी की है। इस समबन्ध में शामली डीएम से उनका पक्ष भी जानने का प्रयास किया गया लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया।

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