मंगलवार, 22 जून 2021

कोरोना की जानलेवा तीसरी लहर भारत में नहीं आएगी



नई दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के डायरेक्टर डाॅ रणदीप गुलेरिया  ने हाल ही में देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का ठीक से पालन नहीं किया गया और भीड़-भाड़ नहीं रोकी गई तो अगले छह से आठ हफ्ते में ही कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर देश में दस्तक दे सकती है। उनके इस दावे के उलट कुछ शीर्ष  विषाणु वैज्ञानिकों का कहना है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर का डर बेबुनियाद है। उनके अनुसार देश में जल्द कोरोना संक्रमण बढ़ने को लेकर कही भी कोई वैज्ञानिक आधार उपलब्ध नहीं है।

वायरोलाॅजिस्ट डाॅ टी जैकब जाॅन का कहना है कि जब तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण का कोई नया वेरिएंट सामने नहीं आता, तब तक तीसरी लहर संभव नहीं है। उनका कहना है कि मौजूदा कोरोना वेरिएंट संक्रमण में नई वृद्धि उत्पन्न नहीं कर सकता। उनका यह भी कहना है कि जुलाई के अंत तक यह महामारी लगातार घटने लगेगी। प्रभावी रणनीति के कारण हम कोविड 19 से उबर सकते हैं। वहीं अमेरिका में रह रहे डाॅक्टर डाॅ रवि गोडसे ने भी कोरोना की तीसरी लहर से संबंधित मुद्दों पर बात की है।  डाॅ रवि गोडसे ने कहा  कि कोई भी भारत में संक्रमित होने से नहीं बचा है। मगर जिनमें हुआ वो ठीक भी हुए। टीके अच्छी दर से लोगों को लगे हैं। केस आ सकते हैं मगर लहर नहीं आएगी। 1 जुलाई को अंत हो जाएगा। डर से प्रतिरोधात्मक क्षमता भी प्रभावित होती है। 2 अक्टूबर तक मास्क भी उतर जाएंगे पूरे भारत में। अपने लोग बहुत प्यारे हैं , वो बदलने वाले नहीं है। बच्चों में या युवाओं में जो केस दिख रहे हैं, वो निशानी है कि वैक्सीनेशन चल रहा है। बच्चों की प्रतिरोधात्मक क्षमता ज्यादा बेहतर है। हजार में 10 बच्चों में ही ये दिख रहा है। अल्फा मतलब ब्रिटिश वैरिएंट। ये आरएनए वायरस है जो रूप बदलता है। डाॅ रवि ने कहा कि मैं डेल्टा को इंडियन म्यूटेंट तो कहूंगा ही नहीं। मैं तो चायनीज वायरस ही कहूंगा। स्टडीज लैब में नहीं करने चाहिए। दुनिया के 52 मुल्क साइनोवैक यूज कर रहे हैं, जो चीन दे रहा है। रीयल लाइफ में समाज में वैक्सीनेशन स्टडीज होने चाहिए। लोग थोड़े डरे हुए हैं। मान लीजिए 4 हफ्ते के फासले पर जिसने भी टीका लिया और उसकी असर क्षमता 55 फीसदी है मतलब है कि आपको 45 फीसदी चांस है कोविड होने का। लेकिन सीरियस होने से वो आपको बचाता है। खबर ये चलती है कि वैक्सीन के बाद भी कोविड हो गया लेकिन इसको ऐसे भी सोच सकते हैं कि कोविड के दो डोज लेकर मैं बच गया और अस्पताल नहीं गया ये सोचने की जरूरत है। अगर डोज का गैप बढ़ाया गया है तो यकीनन सबके हित में है।

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

बीए की छात्रा से ट्यूबवेल पर गैंगरेप

मुजफ्फरनगर। तमंचे की नोक पर बीए की छात्रा से गैंगरेप के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है।  बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में कॉफी पिलाने ...