मंगलवार, 1 जून 2021

सहारनपुर के टपरी स्थित देशी शराब की फैक्ट्री द्वारा 35 करोड़ रुपये के राजस्व की चोरी, नकली बार और क्यूआर कोड हुए इस्तेमाल

 


सहारनपुर l स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने सहारनपुर के टपरी स्थित देशी शराब की फैक्ट्री द्वारा 35 करोड़ रुपये के राजस्व की चोरी का खुलासा किया है। सामने आया है कि दोहरी ट्रिप और नकली बार व क्यूआर कोड बनाकर करोड़ों की कर चोरी की गई। साथ ही इस मामले में गिरफ्तार 9 अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया गया है। साथ ही सात नामजद और प्रकाश में आए अन्य चार अभियुक्तों के खिलाफ विवेचना जारी है। सभी अभियुक्तों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, जालसाजी और 60 आबकारी अधिनियम के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

एसआईटी के डीजी आरपी सिंह ने बताया कि 4 मार्च को सहारनपुर के टपरी स्थित देशी शराब की फैक्ट्री कोआपरेटिव कंपनी लिमिटेड के खिलाफ एक्साइज चोरी के दो मुकदमें दर्ज किए गए थे। इस मामले में एसटीएफ ने 16 लोगों को आबकारी विभाग की मदद से गिरफ्तार किया था। इसकी विवेचना में सामने आया है कि फैक्ट्री मालिकों ने साजिश कर 35 करोड़ रुपये की कर चोरी कर सरकार को राजस्व का चूना लगाया। 

आर पी सिंह के मुताबिक, कंपनी द्वारा देशी शराब की सप्लाई ले जा रहे ट्रकों से डबल ट्रिप करवाई जा रही थी। आबकारी विभाग द्वारा कोआपरेटिव कंपनी को सीएल-2 गोदामों तक शराब ले जाने के लिए पीडी-25ए पास जारी किए जाते हैं। इसमें तारीख व समय सहित शराब की सप्लाई करने की अवधि तय है। इसमें ट्रक ड्राइवर ट्रक लेकर एक बार शराब फैक्ट्री से लेकर देशी शराब के गोदाम तक पहुंचाने के बाद उसी अवधि में दोबारा फैक्ट्री वापस आकर फिस से सप्लाई लेकर दोबारा निकल जाता था। नतीजतन, एक ट्रिप में तो तय एक्साइज ड्यूटी दी जाती थी लेकिन दूसरी ट्रिप की ड्यूटी चोरी कर ली जाती थी।

इसी तरह डुप्लीकेट बार व क्यूआर कोड बनाए जाते थे। जांच में सामने आया है कि आबकारी विभाग द्वारा आवांटित बार कोड और क्यूआर कोड का दुरुपयोग किया जाता था। बारकोड को शराब की पेटियों पर चिपकाया जाता है और क्यूआर कोड को शराब की बोतलों पर चिपकाने का प्रावधान है। जांच में पाया गया कि मैनेजमेंट के पदाधिकारियों के निर्देश पर जब ट्रक दोबारा ट्रिप लगाने आती थी, तब डुप्टीकेट बार व क्यूआर कोड तैयार कर बोतलों व पेटियों पर चिपका दिए जाते थे। यह सिलसिला एक अप्रैल 2020 से 28 फरवरी 2021 तक 11 महीनों की अवधि तक चला। इस दौरान 99 डबल ट्रिप की गईं। जिससे सरकार को 35 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। डीजी आरपी सिंह ने बताया कि जांच में प्रकाश में आए छह अभियुक्तों में दो सीएल-2 गोदामों के ठेकेदार हैं। उनके विरुद्ध भी जांच की जा रही है। साथ ही आबकारी विभाग के चार अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका भी पाई गई है, उनकी भी विवेचना जारी है।


इन 9 अभियुक्तों पर लगाया गया आरोपपत्र

- उपेंद्र गोविंद राव-यूनिट हेड

- हरिशरण तिवारी-बाटलिंग इंचार्ज

- मांगेराम त्यागी-ईटीपी आपरेटर 

- संजय शर्मा-असिस्टेंट मैंनेजर क्वालिटी कंट्रोल

- अरविंद कुमार-केमिस्ट

- प्रदीप कुमार-बारकोड डिस्पैचर

- ट्रांसपोर्टर जय भगवान

- ट्रक ड्राइवर गुलशेर

- परिचारक अशोक कुमार


सात नामजद अभियुक्त के खिलाफ विवेचना जारी

मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणय अनेजा

वाईस प्रेसिडेंट वीरेंद्र शंखधर

वाईस प्रेसिडेंट आपरेशन एंड क्वालिटी कंट्रोल कमल डेनियल

एचआर हेड सोमशेखर

सेल्स हेड अश्विनी उपाध्याय

ट्रांसपोर्टर सत्यवान और उन्नाव के देशी शराब गोदाम के ठेकेदार अजय जायसवाल

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