बुधवार, 26 मई 2021

वैशाख पूर्णिमा का महत्व


 वैशाख पूर्णिमा आज।

उत्तर पश्चिमी भारत मे आज चन्द्रग्रहण नही है।

26 मई 2021 वैशाख पूर्णिमा है। हमारे पुराणों में वैशाखी पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र एवं फलदायी तिथि माना गया है। वैशाख पूर्णिमा के दिन पिछले एक महीने से चला आ रहा वैशाख स्नान एवं विशेष धार्मिक अनुष्ठानों की पूर्ण आहूति की जाती है। मंदिरों में हवन-पूजन के बाद वैशाख महात्म्य कथा का परायण किया जाता है।

भविष्य पुराण, आदित्य पुराण में के अनुसार इस दिन प्रातः नदियों एवं पवित्र सरोवरों में स्नान के बाद दान-पुण्य का विशेष महत्व कहा गया है। धर्मराज के निमित्त जल से भरा हुआ कलश, पकवान एवं मिष्ठान आज के दिन वितरित करना, गौ दान के समान फल देने वाले बताए गए हैं।

 * वैशाखी पूर्णिमा के दिन शक्कर और तिल दान करने से अनजान में हुए पापों का भी क्षय हो जाता है।

* पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी से भरा हुआ पात्र, तिल और शक्कर स्थापित कर पूजन करना चाहिए। यदि हो सके तो पूजन के समय तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।



* पितरों के निमित्त पवित्र नदियों में स्नान कर हाथ में तिल रखकर तर्पण करने से पितरों की तृप्त होते हैं एवं उनका आशीर्वाद मिलता है।

 पुराणों के अनुसार वैशाख का यह पक्ष पूजा-उपासना के लिए विशेष महत्वपूर्ण कहा गया है। 

वैशाखी पूर्णिमा के दिन पूजा के दौरान जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इसके साथ ही मंत्र- 'ॐ विष्णवे नम:', ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।' तथा श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र, श्री विष्णु की आरती आदि करना चाहिए। 


वैशाख पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- मंगलवार, 25 मई 2021 को रात्रि 8:20 शुरू होकर बुधवार, 26 मई 2021 को शाम 04:40 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी। 

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