शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

कृषि कानूनों पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर सुनवाई जल्द


 मुजफ्फरनगर । सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन कृषि कानूनों पर बनाई गई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर सुनवाई जल्द होगी। चेयरमैन पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन अशोक बालियान ने यह जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 3 सदस्यीय समिति ने दिनांक 19 मार्च 2021 को एक सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हमारी संस्था पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने समिति को अपने सुझाव भेजे थे।  सुप्रीम कोर्ट ने समिति के गठन के समय कहा था कि जो इस समस्या का समाधान चाहते हैं, वे समिति के सामने जाएंगे। कोर्ट ने यह भी कहा था कि इस मामले में समिति का गठन न्यायिक प्रक्रिया का एक हिस्सा है। दिल्ली बॉर्डर  पर आंदोलनरत 40 किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन कृषि कानूनों पर बनाई गई विशेषज्ञ समिति को खारिज कर दिया था ।  सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को इस समिति का गठन किया था, जिसमें कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी और अनिल धनवत शामिल हैं इस समिति ने रिपोर्ट को लेकर कृषि मामलों के एक्सपर्ट्स की राय भी ली है।  

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन कई महीने बीत जाने के बाद भी लगातार जारी है, तीन कृषि कानूनों जिनमे एक “उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम- 2020”, दूसरा “मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम- 2020” और तीसरा “आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम- 2020” के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं, कृषि कानूनों पर कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला है। 

   किसान संगठनों का कहना है कि जब तक इन कानूनों को सरकार वापस नहीं लेगी, तब तक वह दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे और आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे। इसके अलावा किसानों की मांग है कि एमएसपी को कानूनी दर्जा देने के लिए एक कानून अलग से लाया जाना चाहिए। किसान संगठन इन तीनों कानूनों के कौन से सेक्शन किसान के विरुद्ध है ये नही बताते, वे केवल इसको काला कानून बताते है। सुप्रीम कोर्ट में अब 5 अप्रैल 2021 को इस मामले की सुनवाई होनी है। पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन को उम्मीद है कि समिति की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच गतिरोध टूटेगा और किसी एक बिंदु पर सहमति बन सकेगी।

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