रविवार, 21 मार्च 2021

पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय कृषि मंत्री से की मुलाकात बताया तीनों कृषि कानून किसानों के हित में

 मुजफ्फरनगर ।


पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके आवास पर मुलाकात कर कहा था कि तीनों कृषि कानूनों किसानों के हित में हैं। पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन कृषि के विषय में अनेकों सुझाव केंद्र व् राज्य सरकारों को भेजती रहती है। और इन कृषि कानूनों की मांग भी की थी।  

    पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने इन कानूनों के आने के बाद पहले इनका अध्यन किया और अध्यन करने के बाद उन्हें किसान हित का समझकर उनका समर्थन किया है। किसानों के हित में किए गए सुधार भारतीय कृषि में नए अध्याय की नींव बनेंगे। हमारी इस मुलाकात के दौरान भारत कृषक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण वीर चौधरी सहित अन्य राज्यों के किसान नेता भी उपस्थित थे। 

    इन कृषि सुधार कानूनों का दूसरा पक्ष ये है कि विपक्ष द्वारा किसान संगठनों में एक भ्रम पैदा कर दिया गया है। वे लोग पूरी तरह से यह काल्पनिक झूठ फैला रहे हैं कि किसानों की जमीन छीन ली जाएगी, जबकि कृषि अनुबंध कानून में साफ उल्लेख है कि जमीन पर अनुबंध करने वाला न ऋण ले सकता है और न जमीन का अनुबंध कर सकता है अर्थात जमीन पर किसान का ही मालिकाना हक रहेगा। पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन हमेशा किसान संगठनों व् किसानों के सामने सही वस्तुस्थिति रखने का प्रयास करती है।  

   हमने इस मुलाकात में केंद्रीय कृषि मंत्री को नए कृषि कानूनों में संशोधन पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए थे और कुछ प्रमुख मांगें केंद्रीय मंत्री के सामने रखीं थी। जिनमे मुख्य मांग थी कि गन्ने से बनने वाली चीनी की तरह ही किसान की कृषि उपज का न्यूनतम बिक्री मूल्य भी केंद्र सरकार तय करना चाहिए, ताकि उसकी कृषि उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे न बिके। हमने यह भी मांग रखी थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में मुख्य गुड-खंडसारी, फल-सब्जी व् दुग्ध आदि को भी शामिल किया जाए। पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति को भी कृषि कानूनों अपने सुझाव भेजे है।  

    नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा समेत अन्य राज्यों के किसान पिछले कुछ माह से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। कृषि कानूनों को निरस्त (रद्द) करने की मांग पर अड़े किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच ग्यारह दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर इस गतिरोध को खत्म करने को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन सकी है।  

    देश में लंबे समय से कृषि में इस तरह के सुधारों की मांग हो रही थी, जिसे वर्तमान सरकार ने पूरा किया है। किसानों के लिए एक देश एक बाजार की परिकल्पना को जमीन पर उतारा है। विपक्ष किसानों में भ्रम पैदा कर रहा है। इसलिए पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन किसान संगठनों से अपील करती है कि वे कृषि कानूनों के खिलाफ फैलाए जा रहे भ्रम से बचें। नए कानून लागू होने के बाद इस बार खरीद के लिए पिछले रिकॉर्ड टूट गए हैं। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के नए रिकॉर्ड बनाए हैं और वह खरीद केंद्रों की संख्या भी बढ़ा रही है।   

    इस मुलाकात के अंत में पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि इन सुझावों व् मांगों पर विचार करने के साथ किसान आन्दोलन के समाधान की बात भी कही। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहा कि बीते 5 वर्षों में कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। उन्हें आने वाले समय में और आधुनिक बनाया जाएगा। हम किसान आन्दोलन के मुद्दे का समाधान वार्ता के जरिए करने का प्रयास कर रहे हैं।

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