आपके बॉडी पार्ट्स कब ख़राब होते हैं?
1 पेट(Stomach)
उस वक्त जब आप सुबह का नाश्ता या तो करते नहीं अथवा फ़ास्ट फ़ूड से करते हैं।
2 गुर्दे (Kidneys)
उस वक्त जब आप 24 घंटे में 10 गिलास पानी नहीं पीते या ग़लत तरीक़े से पानी पीते हैं
3 पित्ता (Gallbladder)
उस वक्त जब आप रात 11:00 बजे तक सोते नहीं और सूरज उगने से पहले जागते नहीं हैं।
4 छोटी आंत (small intestine)
उसवक्त जब आप ठंडी चीजें पीते हैं , बहुत अधिक ठंडी चीजें और बासी खाना खाते हैं।
5 बड़ी आंत (Large intestine) उस वक्तजब आप तली हुई या मसालेदार चीजें लगातार अधिक मात्रा में खाते हैं।
6 फेफड़े (Lungs) उस वक्त जब आप धुआं धूल सिगरेट बीड़ी से भरपूर हवा में सांस लेते हैं और रोज़ाना प्राणायाम नहीं करते हैं ।
7 यकृत (Liver) उस वक्त जब आप बहुत तली हुई खुराक और फास्ट फूड खाते है अथवा माँस का सेवन करते हैं ।
8 दिल (Heart) उस वक्त जब आप ज्यादा नमकीन और कोलेस्ट्रोल वाली चीजें खाते हैं और रोज़ाना सैर नहीं करते हैं ।
9 अग्न्याशय pancreas उस वक्त जब आप बहुत ज्यादा मिठाई खाते हैं और खासकर जब वह फ्री में मिल रही हो।
10 आंखें (Eyes) उस वक्त जब आप अंधेरे में मोबाइल और कंप्यूटर पर तेज रोशनी में लगातार अथवा रोज़ाना काम करते हैं या कम्प्यूटर गेम खेलते हैं ।
11. शरीर के जोड़
जब आप प्रति दिन योग आसन और व्यायाम नहीं करते हैं ।
12.दिमाग (Brain) उस वक्त बहुत दुखी होता है जब आप सकारात्मक सोच के वजाय नेगेटिव सोचते हैं अथवा ईश्वर की कर्म फल व्यवस्था में विश्वास नहीं रखते हैं ।
13.मानसिक परेशनियाँ उस समय बढ़ती हैं जब आप संसारिक परेशानियों का उपाय और अधिक परिश्रम करने के बजाय या किसी स्पेशलिस्ट से सलाह लेने के बजाय अवैज्ञानिक ज्योतिष और तंत्र मंत्र या नक्षत्रों की पूजा से उनको सुलझाना चाहते हैं जो कि असम्भव है।
मान्यवर
अपने जिस्म के हर हिस्से का ख्याल रखें। याद रखें यह बॉडी पार्ट्स मार्केट में ना तो उपलब्ध हैं और ना ही पूर्णतया मरम्मत ही होते है।
वेदों और आर्ष ग्रंथों का अध्ययन करें और अपने आपकी अंधविश्वास आदि अवैदिक मान्यताओं से रक्षा करें ।
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