रविवार, 30 अगस्त 2020

पानीपत खटीमा राजमार्ग के निर्माण की अडचन दूर करने की पहल


मुजफ्फरनगर । पानीपत खटीमा नेशनल हाईवे के चार हजार करोड़ से अधिक रूपए के निर्माण प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में शामली से मुजफ्फरनगर तक 32.3 किलोमीटर के हिस्से के निर्माण में भूमि अधिग्रहण मुआवजे पर किसानों की समस्याओं को हल करने को केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने लॉक डाउन के बावजूद जिला पंचायत सभागार में इस सड़क के लिए अधिग्रहण से प्रभावित हो रहे गांवों के किसानों की बैठक में उनकी एनएचएआई और जिला प्रशासन के अधिकारियों से आमने सामने की बात कराई। इस दौरान प्रदेश के राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल व विजय कश्यप, विधायक उमेश मलिक, जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. भी मौजूद रही। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि यदि विरोध नही थमा और प्रोजेक्ट शुरू नही हुआ तो यह हाथ से निकल जाएगा। इसलिए किसानों की जो समस्या है वह मुआवजा अवार्ड होने के बाद आर्बीट्रेशन में सुलझवाने का प्रयास करेंगे। हालांकि किसानों ने भी एनएचएआई और जिला प्रशासन के अधिकारियों पर खुलकर आरोप लगाए और कहा कि जहां आबादी की जमीन हैं और कमर्शियल भवन खड़े हैं वहां पर कृषि भूमि के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। --किसानों ने जमकर धांधली के आरोप लगाए मुजफ्फरनगर। केंद्रीय मंत्री के समक्ष अलीपुर निवासी ओमपाल सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी दुकाने सडक किनारे बनी हुई है। जिला पंचायत को टैक्स दे रहे हैं लेकिन एनएचएआई उन्हें कृषि भूमि का मुआवजा दे रहा है। यही आरोप तितावी के डा. राजमोहन ने लगाया। उन्होंने कहा कि उनका दो मंजिला नर्सिंग होम बना हुआ है। केवल छह लाख रुपए दिए जा रहे हैं। नर्सिंग होम जितना टूटेगा उसकी मरम्मत एनएचएआई करा दे। किसानों ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर दंगे में नलकूप व सबमर्सिबल पंप के नुकसान पर अधिक मुआवजा मिल गया था। एनएचएआई तो केवल एक लाख रुपए मुआवजा दे रहा है। इसी तरह से धर्मकांटा 15 लाख रुपए में लगता है उसके केवल पांच लाख रुपए दिए जा रहे हैं। आम का बीस साल पुराना पेड 15 से 20 हजार रुपए का है उसका अधिकतम एक हजार रुपए मुआवजा दिया जा रहा है। उधर किसानों ने आरोप लगाया कि नेशनल हाईवे अथोरिटी सडक किनारे तितावी गांव को अधिक मुआवजा दे रहा है जबकि बराबर के धौलडा गांव को कम मुआवजा दिया जा रहा है। युद्धवीर सिंह ने बताया कि रामपुर तिराहे पर भूमि के क्रय विक्रय का सर्किल रेट एडीएम वित्त ने ही 15 से 20 हजार रुपए वर्गमीटर तय किया हुआ है लेकिन मुआवजा कृषि भूमि के हिसाब से बहुत कम दिया जा रहा है। कुछ किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन को सरकारी दिखाकर मुआवजा अवार्ड ही नही किया गया है। कुछ ने आरोप लगाया कि जितना मुआवजा दिया गया है जमीन उससे अधिक ले ली गई है। जब किसान शिकायत उठाते रहे तो बैठक में अफरा तफरी मच गई। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि जो अपने गांव की अधिग्रहण से संबंधित समस्या उन्हें लिखकर देगा उसके बारे में वह एनएचएआई और प्रशासन के अधिकारियों से अलग से बात करेंगे। इसके बाद तो किसान बैठक छोडकर उनकी मेज तक आ गए और अपनी बात कहने लगे। इससे बैठक में अव्यवस्था हो गई। हालांकि केंद्रीय मंत्री ने सभी किसानों की बातों को बहुत ध्यान से सुना और नोट किया। पिन्ना निवासी सुमित मलिक ने कम मुआवजे का आरोप लगाया। वहीं युवा अधिवक्ता मनु मलिक ने कहा कि नेशनल हाईवे आने से किसान की जमीन की कीमत बढ़ जाएगी और विकास भी तेजी से होगा इसलिए इस पर रोडे अटकाना ठीक नही है। इस दौरान एडीएम प्रशासन अमित सिंह, एडीएम वित्त आलोक कुमार व सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह लगातार व्यवस्था बनाने में जुटे रहे।


मुजफ्फरनगर जिले में दूसरे चरण का प्रोजेक्ट यह हैएनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एसके मिश्रा ने बताया कि दूसरे चरण में शामली से मुजफ्फरनगर तक के मार्ग में मुजफ्फरनगर में यह 32.3 किलोमीटर लंबा है। इससे 27 गांव प्रभावित हो रहे हैं। एडीएम वित्त आलोक कुमार ने बताया कि एनएचएआई के द्वारा जो सर्किल रेट के अनुसार मुआवजे का अवार्ड किया गया है उसमें 392 करोड रुपए का मुआवजा दिया जाना है। इसमें से 332 करोड रुपए एचएचएआई ने जिला भूमि अध्याप्ति अधिकारी को दे दिया है। इसमें से 248 करोड रुपया उन लोगों को दिया जा चुका है जिनकी जमीन अधिग्रहित होनी है। इस तरह से करीब 65 प्रतिशत भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। सांसद ने रोडे अटकाने पर जताया दुखकेंद्रीय राज्यंमंत्री संजीव बालियान ने कहा कि वह चार प्रोजेक्ट अपने सांसद बनने के बाद लेकर आए थे। इनमें सांसद बनने के बाद रेल लाइन के दोहरीकरण का प्रोजेक्ट था जिस पर काम शुरू कराया लेकिन जो काम दो साल में पूरा होना था उसे पूरा करने में पांच साल लग गए। क्योंकि एक दिन काम चलता तो दूसरे दिन काम ठप करा दिया जाता। उन्होंने कहा कि मेरठ करनाल राज्य हाईवे को उन्होंने नेशनल हाइवे बनवाकर 800 करोड रुपए का बजट स्वीकृत कराया। पानीपत खटीमा नेशनल हाईवे 509 एडी चार चरणों में बनेगा। इसमें पानीपत से शामली का प्रोजेक्ट 1200 करोड का है। जबकि शामली से मुजफ्फरनगर तक का दूसरे चरण का प्रोजेक्ट 1600 करोड का है। इसमें दो बाईपास एक बघरा और दूसरा मुजफ्फरनगर बाईपास है। इस बाईपास के बनने से मुजफ्फरनगर वेस्ट का पहला ऐसा शहर हो जाएगा जिसके चारो ओर रिंगरोड बाईपास हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह से प्रोजेक्ट में रोडे अटकाएं जाएंगे तो आगे विकास योजना नही मिलेगी।


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