मंगलवार, 25 अगस्त 2020

नगर निकायों की आय के संसाधन बढ़ाने के लिए लगेंगे नए टैक्स

टीआर ब्यूरो l


लखनऊ। नगर निकायों की आय के संसाधन बढ़ाने के लिए नए कर लगाए जा सकते हैं। पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों को विधानसभा से मंजूरी मिल चुकी है। इसके आधार पर अब नगर निकायों को आय के संसाधन बढ़ाने के लिए सुझावों पर अमल करना है। वित्त आयोग की संस्तुतियों के आधार पर निकायों ने अगर नए कर लगाए तो लोगों के ऊपर भार पड़ना तय है।


वित्त आयोग ने वित्तीय स्थिति सुधारने के साथ कामकाज में पारदर्शिता लाने और चल रही व्यवस्थाओं में बेहतर लाने का सुझाव दिया है। सरकार ने पंचम राज्य वित्त आयोग की अधिकतर सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।


शहरी क्षेत्रों के लिए सिफारिशें नगर विकास विभाग और ग्रामीण निकायों से संबंधित सिफारिशों को पंचायतीराज विभाग को परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। विभाग इन सिफारिशों की स्थिति का परीक्षण करेंगे और लागू करेंगे। इन्हीं सिफारिशों में से एक सिफारिश नए टैक्स लगाने और पुराने टैक्सों की दरों को संशोधन पर विचार किया जाएगा।


दस साल पहले गृहकर की दरें संशोधित हुई


प्रदेश के अधिकतर नगर निगमों में गृहकर की दरें 10 साल पहले यानी 2010 में संशोधित की गई थी। नगर निगम अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधर पर प्रत्येक तीन साल में इसके संशोधन की व्यवस्था है। गृहकर की दरें बढ़ने के साथ ही जलकर व सीवर कर की दरें भी बढ़ जाती हैं। वित्त आयोग की संस्तुतियों सभी शहरों में पानी के मीटर लगवाने की भी है। पानी के मीटर के आधार पर जलकर वसूला जाएगा।


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