नई दिल्ली l जीएसटी काउंसिल की बैठक गुरुवार को 11 बजे होगी. . बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी. बता दें कि राज्यों और केंद्र में जीएसटी कंपेनसेशन पर विवाद जारी है. जीएसटी कानून के तहत, राज्यों को एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के पहले पांच वर्षों में राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई की गारंटी दी गयी है. लेकिन राजस्व साझेदारी की मौजूदा फॉर्मूला के तहत केंद्र सरकार राज्यों के जीएसटी का हिस्सा दे पाने में सक्षम नहीं है !
*महंगी हो सकती है चीज़ें*
मिली जानकारी के मुताबिक, GST काउसिंल की बैठक में कुछ राज्यों द्वारा अहितकर सामान यानी सिन गुड्स पर सेस बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने की संभावना है. सिन गुड्स पर सेस बढ़ाने का सुझाव देने वालों में पंजाब, छत्तीसगढ़, बिहार, गोवा, दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं. अगर ऐसा होता है तो सिगरेट, पान मसाला महंगे हो जाएंगे!
मौजूदा GST रेट स्ट्रक्चर के अनुसार, कुछ सिन गुड्स, जिसमें सिगरेट, पान मसाला और एरेटेड पेय शामिल हैं, इन पर सेस लगता है. सिन गुड्स के अलावा, कार जैसे लक्जरी उत्पादों पर भी सेस लगाया जाता है!
पिछले महीने वित्त मंत्रालय ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 के जीएसटी मुआवजे के लिए केंद्र सरकार ने 13,806 करोड़ रुपये की अंतिम किस्त जारी की है. राज्यों को किए जाने वाले मुआवजे के भुगतान के फॉर्मूले पर दोबारा काम करने के लिए जुलाई में जीएसटी परिषद की बैठक होने वाली थी. हालांकि, अभी तक यह बैठक नहीं हो सकी है. GST एक्ट 2017 में संशोधन पर चर्चा जारी है !
जुलाई में इतना रहा जीएसटी कलेक्शन
जुलाई में कुल जीएसटी कलेक्शन 87,422 करोड़ रुपये रहा. जबकि, जून 2020 में कुल जीएसटी कलेक्शन 90,917 करोड़ रुपये था. जुलाई में 87,422 करोड़ रुपये के जीएसी कलेक्शन में सेंट्रल जीएसटी (CGST) के तौर पर 16,147 करोड़ रुपये, स्टेट जीएसटी (SGST) के तौर पर 21,418 करोड़ रुपये और IGST के तौर पर 42,592 करोड़ रुपये शामिल हैं. मंत्रालय ने बताया कि IGST में से 20,324 करोड़ रुपये गुड्स आयात और 7,265 करोड़ रुपये सेस के जरिए प्राप्त हुआ है !
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