बुधवार, 22 जुलाई 2020

राजा मानसिंह हत्याकांडः सभी दोषियों को उम्रकैद


मथुरा। 35 साल बाद चर्चित राजा मानसिंह की हत्या में दोषी पाए गए 11 पुलिसकर्मियों को बुधवार को फैसला सुनाया गया। सभी पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। दोषियों पर फैसला सुनाने के बाद राजा मानसिंह का परिवार वहां मौजूद रहा।
राजा मानसिंह हत्याकांड मे  कान सिंह भाटी, सीओ, वीरेन्द्र सिंह, एसएचओ,  रवि शेखर, एएसआई, छत्तर सिंह,   पदमा राम,  जगमोहन,   सुखराम, जीवन राम,   हरि सिंह,  तेर सिंह तथा भंवर सिंह सभी  कांस्टेबल शामिल हैं। अदालत ने तीन पुलिसकर्मियों को बरी किया है। इनमें से किसी पर भी हत्या का आरोप नहीं था। इन्हें सीबीआई ने अपनी जांच में कागजों में हेराफेरी करने का आरोपी बनाया था। इनमें निरीक्षक कान सिंह सिरवी, जीडी लेखक हरी किशन व गोविंद प्रसाद आरोपी थे।
राजा मानसिंह की पुत्री कृष्णेंद्र कौर उर्फ दीपा सिंह अपने परिजनों के साथ बुधवार को फैसला सुनने के लिए पहुंचीं। बता दें कि मंगलवार को भरतपुर के राजा मानसिंह और दो अन्य की हत्या के मामले में 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया गया था। 21 फरवरी 1985 को हुए इस बहुचर्चित हत्याकांड की सुनवाई के दौरान 1700 तारीखें पड़ीं और 25 जिला जज बदल गए।
वर्ष 1990 में यह केस मथुरा जिला जज की अदालत में स्थानांतरित किया गया था। 35 साल बाद 21 जुलाई 2020 (मंगलवार) को राजा मानसिंह हत्याकांड में निर्णय हो सका था। वादी पक्ष के अधिवक्ता नारायन सिंह विप्लवी ने बताया कि अब तक आठ दफा फाइनल बहस हुई और कुल 78 गवाह पेश हुए, जिनमें से 61 गवाह वादी पक्ष ने तो 17 गवाह बचाव पक्ष ने पेश किए। 


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