मेरठ। मेरठ-सहारनपुर मंडल में स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में पहले विकल्प में सरकारी-एडेड कॉलेज को भरने की बाध्यता के विरुद्ध निजी कॉलेज शासन पहुंच गए हैं। निजी कॉलेजों ने विवि के इस नियमों को मनमाना और भेदभावपूर्ण बताते हुए इसे हटाने की मांग की है। कॉलेज नियम के विरुद्ध हाईकोर्ट में रिट दायर करने जा रहे हैं।
मामला विवि के उस नियम से जुड़ा है जिसमें छात्रों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में एडेड-राजकीय कॉलेज को पहले नंबर पर रखना अनिवार्य है। बाकी दो विकल्प सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के दिए जा सकते हैं। विवि में छात्रों को यूजी में अधिकतम तीन कॉलेजों को विकल्प चुनने की छूट है। निजी कॉलेजों को इसी नियम पर आपत्ति है। उच्च शिक्षा मंत्री को भेजे पत्र में निजी कॉलेजों ने इस नियम को एकतरफा और मनमाना बताया है। कॉलेजों ने कहा कि पहले विकल्प में केवल सरकारी-एडेड कॉलेज की बाध्यता का क्या मतलब है। जो छात्र सीधे सेल्फ फाइनेंस कॉलेज को पहला विकल्प चुनना चाहते हैं उन्हें यह छूट मिलनी चाहिए। कॉलेजों के अनुसार छात्रों को विकल्प में क्रम तय करने का अधिकार दे, लेकिन पहले नंबर पर केवल सरकारी-एडेड कॉलेज रखने को बाध्य ना करे। निजी कॉलेजों ने कहा कि विवि ऐसा करके केवल सरकारी-एडेड कॉलेजों में ही सीटें भरना चाहता है। इससे निजी कॉलेजों में छात्रों का संकट खड़ा हो जाएगा।
बुधवार, 22 जुलाई 2020
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में विकल्प पर निजी कॉलेज विरोध में, शासन पहुंचे
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