बुधवार, 20 मई 2020

तबाही मचा रहा महाचक्रवात, अब तक 10 की मौत



कोलकाता। महाचक्रवात अम्फान के ओडिशा के तटीय इलाकों के जिलों में भारी नुकसान हुआ है। ओडिशा के तमाम हिस्सों में बिजली के ग्रिड ध्वस्त हुए हैं, वहीं कई इलाकों में पेड़ों के गिरने के कारण मार्ग अवरुद्ध हुए हैं। इन स्थितियों को देखते हुए ओडिशा सरकार और एनडीआरएफ की टीमों ने यहां बड़े पैमाने पर राहत कार्य शुरू किए हैं। इस बीच तूफान ने पश्चिम बंगाल में भी दस्तक दे दी है। अम्फान के कारण भारी तबाही हुई और कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई।
मौसम विभाग की तमाम तैयारियों के बीच सुपर साइक्लोन अम्फान बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे ओडिशा के समुद्री तट से टकरा चुका है। ओडिशा के बालासोर समुद्री तट पर पहुंचे इस चक्रवात के कारण ओडिशा के तटीय जिलों में बिजली के ढांचे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ है। वहीं मौसम विभाग की ओर से पश्चिम बंगाल में नुकसान की बात कहते हुए यहां अधिकारियों को अलर्ट किया गया है। देर शाम तूफान ने यहां दस्तक दे दी है। अब तक तूफान से दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। पश्चिम बंगाल के नॉर्थ परगना जिले में अम्फान की वजह से 52,00 घरों के क्षतिग्रस्त होने की खबर है।
ओडिशा में तेज हवाओं के कारण तमाम इलाकों के पेड़ उखड़े हैं। वहीं भद्रक, बालासोर, केंद्रपाड़ा और ओडिशा के कुछ अन्य जिलों में बिजली के ढांचे को बड़ा नुकसान हुआ है। इन जिलों में एनडीआरएफ की टीमों ने बड़े पैमाने पर राहत कार्य शुरू किया है। 
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की 41 टीमें तैनात की गई हैं और प. बंगाल में सिर्फ दो टीमों को रिजर्व रखा गया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना, एयरफोर्स, नेवी और कोस्ट गार्ड की टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है। इन टीमों ने ओडिशा के तमाम इलाकों में राहत कार्य शुरू कर दिया है। पश्चिम बंगाल में बुधवार को 190 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले विकराल चक्रवात अम्फान के कारण भारी तबाही हुई और कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। चक्रवात दोपहर में करीब ढाई बजे पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचा। चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुई। चक्रवात की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, वहीं कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ। अधिकारियों के अनुसार चक्रवात आने से पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कम से कम 6.58 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल तट पर पहुचने के समय चक्रवात के केंद्र के पास हवा की गति 160-170 किमी प्रति घंटे थी।


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