बुधवार, 27 मई 2020

शुक्र ग्रह हो रहा अस्त क्या होगा प्रभाव


शुक्र अस्त आरंभ काल (वृषभ राशि) :मई 28, 2020, गुरुवार 13:25:15 बजेशुक्र अस्त समाप्ति काल (वृषभ राशि) :जून 10, 2020, बुधवार 08:01:01 बजे
शुक्र ग्रह का अस्त अवस्था में होना वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि शुक्र ग्रह सभी सुख-सुविधाओं का मुख्य कारक है। इसके अतिरिक्त यह नैसर्गिक रूप से भी शुभ ग्रह है और यही कारण है कि सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में शुक्र ग्रह का अस्त होना त्याज्य माना गया है।  


शुक्र तारा डूबना से तात्पर्य है शुक्र ग्रह का अस्त होना। इसे शुक्र का लोप होना भी कहा जाता है। सभी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों में और मुख्य रूप से विवाह संस्कार जैसे अत्यंत शुभ कार्य के लिए शुक्र का लोप होना अच्छा नहीं माना जाता और इसी वजह से जब शुक्र अस्त होता है तो उस समयावधि के दौरान विवाह जैसा पवित्र कार्य भी वर्जित माना जाता है और शुक्र के पुनः उदय होने पर ही इस प्रकार के कार्य पूर्ण किये जाते हैं।


शुक्र मुख्य रूप से तो एक शुभ ग्रह है लेकिन हर कुंडली के लिए ये शुभ नहीं होता। इसलिए देखना आवश्यक हो जाता है कि यह अस्त होकर कुंडली में किस स्थिति में विराजमान है। यदि यह किसी कुंडली विशेष के लिए शुभ फल देने वाला ग्रह है तो इसके अस्त होने की स्थिति में इसके रत्न हीरा, ओपल अथवा जरकन को धारण करना उचित चाहिए, लेकिन इसके विपरीत स्थिति होने पर रत्न धारण करने से बचना चाहिए और शुक्र के बीज मंत्र “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल शुक्र के अस्त प्रभावों में कमी आएगी बल्कि वह आपको और अधिक अनुकूल परिणाम देगा। 
शुक्र ग्रह का जीवन में बहुत महत्व है. शुक्र को विष्णु, तुलसी, धन और ऐश्वर्य का कारक माना जाता है.  वक्री चल रहे शुक्र 31 मई, रविवार के दिन अस्त होने वाले हैं.  जब शुक्र अस्त होता है तो ना ही विवाह संबंधी कोई प्रस्ताव दिया जाता है ना ही इससे संबंधित कोई कार्य किया जाता है. हालांकि 28 मई को शुक्र अस्त होने से पहले वारर्धक योग लगाएंगे, जिससे कई राशियों को लाभ भी होगा. 


शुक्र अस्त के दौरान सारे मांगलिक कार्य रोक दिए जाते हैं. इसके अलावा इस दौरान ना तो व्यापार में धन नहीं लगाना चाहिए और ना ही नौकरी बदलनी चाहिए. सारे शुभ कार्य 31 मई से 9 जून तक वर्जित रहेंगे. 9 जून को दोपहर 2 बजे के बाद शुक्र उदय हो जाएगा जिसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र आ जाएगा. ये शुक्ष नक्षत्र होता है और इसमें सारे रुके हुए काम फिर से शुरू किए जा सकते हैं. आइए जानते हैं कि शुक्र के अस्त होने का राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. 
मेष- धन लाभ कम होगा, खर्चे बढ़ेंगे और परेशानियां आएंगी. सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. आपके कार्यक्षेत्र में कोई बड़ा बदलाव हो सकता है. आपको चावल का दान करना चाहिए. 
वृषभ- वृषभ राशि वालों का स्वामी शुक्र है और इस समय वक्री स्थिति में शुक्र में ही बैठे हैं. आपको मान-सम्मान का ध्यान रखना पड़ेगा.  किसी भी प्रकार के वित्तीय निवेश के लिए बहुत सोच समझ कर आगे बढ़ें. दूध का दान करना आपके लिए फायदेमंद होगा.
मिथुन- शुक्र के अस्त होने का असर आपके निजी संबंधों पर पड़ सकता है. पति-पत्नी के बीच मन-मुटाव हो सकता है. आपको नौकरी बदलने से काफी लाभ मिल सकता है. आपके करियर के लिए यह परिवर्तन काफी अच्छा रहेगा. आपको दूध का दान करना चाहिए. 
कर्क- नौकरी में अड़चन या किसी से झगड़ा हो सकता है लेकिन भविष्य के लिए बनाई गई आपकी योजनाएं सफल होंगी. करियर के क्षेत्र में अच्छी सफलता प्राप्त होगी. आपको पेठा का दान करना चाहिए. 
सिंह- सिंह राशि वालों को गुस्सा बहुत आएगा और इनकी खूब लड़ाइयां होंगी. धन-आगमन रुक जाएगा लेकिन आपके कई अटके हुए काम पूरे होंगे जिससे आपका मनोबल भी बढ़ेगा. चावल का दान अवश्य करें. 
कन्या- कन्या राशि वालों के लिए ये बहुत ही अच्छा रहेगा लेकिन कुछ बुरे लोगों से आपकी लड़ाई हो सकती है. बुरे लोगों की संगत में पड़ सकते हैं. शर्बत का दान करें. 
तुला- तुला राशि का स्वामी शुक्र है. शुक्र के अस्त होने का असर आपके काम धंधे पर पड़ेगा. शादी की बाद नहीं बन पाएगी. बताशे का दान जरूर करें.
वृश्चिक- सेहत खराब होगी और लोगों से लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं. जो लोग नौकरी कर रहे हैं उनकी अचानक से ट्रांसफर होने की सम्भावना रहेगी जिसके कारण वे थोड़े विचलित हो सकते हैं. आलू की सब्जी और पूड़ी दान करें. 
धनु- धनु राशि वालों के लिए ये समय बहुत अच्छा रहेगा लेकिन आपके छोटे भाई-बहनों पर परेशानी आएगी. आपके खर्चे बढ़ेंगे. चांदी का कोई जेवर अपने पास रखें.
मकर- मकर राशि वालों के लिए शुक्र अस्त बहुत परेशानियां लेकर आने वाला है. प्यार में बाधा आएगी. गुस्सा बहुत आएगा. दूध में बताशे डालकर दान करें. 
कुंभ- किसी मुकदमें में फंस सकते हैं. कुछ अच्छे कार्यो विशेषकर धर्म-कर्म और पुण्य कार्यों पर धन खर्च करेंगे. आर्थिक तौर पर आप को मजबूती मिलेगी. पेठे का दान करें. 
मीन- आपके काम नहीं बनेंगे और फंसे हुए पैसे भी वापस नहीं आएंगे लेकिन कार्यक्षेत्र में आपके कार्य को सराहना प्राप्त होगी. जल में गंगाजल डालकर स्नान करें.   


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