टीआर ब्यूरो
मुज़फ्फरनगर।भारतीय समाज के लिए शादी की रौनक हमेशा ही आकर्षण का केन्द्र रही है। शादी के दौरान भारी भरकम खर्च व मेहमाननवाजी के चर्चे आम बात है। लॉकडाउन के दौरान कुछ शादियां रद्द हो चुकी हैं तो कुछ ने संक्षिप्त रूप में धार्मिक रस्मों को पूरा कर दुल्हन को घर लाना मुनासिब समझा है।
लॉकडाउन के दौरान कुछ व्यक्तियों ने शादी की तिथि न बदलकर सरकारी आदेशों का पालन करते हुए शादी को केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित कर दिया है। कस्बा भोकरहेडी निवासी युवक ने सादगी के साथ शादी को मात्र निकाह तक सीमित रख दूसरे युवकों को भी प्रेरणा दी है। वाजिद नामक युवक ने बताया कि शादी को लॉकडाउन के बाद भी किया जा सकता था, किन्तु देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, जिसके परिणाम भी दूरगामी होंगे। ऐसे में शादी में खर्च करना बिल्कुल भी उचित नही है। हालात को देखते हुए सादगी के साथ ही शादी करना उचित है। वाजिद के निकाह में उसके साथ सिर्फ उसके पिता ही शामिल हुए। न कोई बाराती न कोई मेहमान, परिवार के सदस्यों ने दुल्हन का स्वागत किया। वाजिद का परिवार अन्यों के लिए भी सबक बनें तथा संकट के समय में सादगी के साथ शादी सम्पन्न हो। ऐसी वक्त की जरूरत है।
गुरुवार, 16 अप्रैल 2020
पिता संग पहुंचा दुल्हा निकाह कर ले गया दुल्हन
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