गुरुवार, 27 फ़रवरी 2020

मातृ सम्मेलन का आयोजन किया

मुजफ्फरनगर।  बृहस्पतिवार को होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर काॅलेज, जडौदा, के सभागार में एक मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया। 
 कार्यक्रम का शुभारम्भ सोनिया लूथरा कोर्डिनेटर आर्ट आॅफ लिविंग, पुष्पा, जीनत चैधरी, अल्का सिंह, रीटा दहिया व प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया ने द्वारा विद्या दायिनी, हंसा वाहिनी माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया गया। मंच का संचालन रजनी शर्मा ने किया। सर्वप्रथम सोनिया लूथरा ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए बताया कि बच्चे का उज्जवल भविष्य बनाने में माँ का सबसे अहम रोल होता है। माँ को चाहिए कि बच्चे के दिन की शुरूआत उसकी प्रशंसा से करें, क्योंकि प्रशंसा सुनना सबको अच्छा लगता है, प्रशंसा सुनकर सभी फूलों की तरह खिल उठते है। प्रशंसा हमेंशा आगे बढने को प्रेरित करती है। जबकि शिकायते उसको भ्रमित करती है। यदि बच्चे की शिकायत भी हो तो उसे प्रशंसा के साथ जोडकर ही उसका सुधार करें। इससे बच्चे में सुधार होने की क्षमता बढ जाती है। 
 पुष्पा चैधरी ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए बताया कि सभी को अपना बच्चा खास लगता है किन्तु हमें बच्चे की कमजोरियों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि लगातार सुधार करते रहना चाहिए। हमें बच्चों में सहभागिता की भावना का विकास करना चाहिए। समय के साथ-साथ हमें बच्चों के साथ अपने व्यवहार में भी परिवर्तन करते रहना चाहिए जैसे कि जब बच्चा कक्षा-9, 10 में पहुँचता है तब उसके साथ दोस्ताना व्यवहार बिना झिझक, बिना संकोच के करना चाहिए, उसे वो सभी बातें विस्तार से बतानी चाहिए। जो हार्मोन्स की वजह से बच्चों में शारीरिक, मानसिक परिवर्तन होता है, जिससे वह इस दौरान हो रहे शारीरिक परिवर्तन को सही प्रकार से समझ सकें। 
 उसके बाद एक नई पहल करते हुए मातृ दिवस के उपलक्ष पर जो माताएं अपने बच्चे के भविष्य के प्रति संजग व जागरूक है तथा विद्यालय में जो सबसे पहले उपस्थित हुई 20 माताओं सुषमा, आरती, बबीता, लक्ष्मी, रसिदा, रीटा, शायरा, कविता, पिंकी, समा प्रवीन, इसरत प्रवीन, नसरीन, मुलकिसा, समीना, रजिया, गुलिस्ता, शशि, इंदु, पायल तथा सोनू को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
 उसके बाद अलका सिंह जिला मलेरिया अधिकारी, मुजफ्फरनगर ने मातृ दिवस के उपलक्ष में अपने विचार रखते हुए बताया कि हमें बच्चों में संयुक्त परिवार के महत्ता को समझाना चाहिए तथा बच्चों को संस्कारित बनाते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए, साथ ही साथ माताओं को अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि हम बच्चों में बांटने की भावना अंजाने में ही डाल देते है, परिवार से ही समुदाय बनता है यदि हम बच्चे को परिवार में ही अच्छे से रहना नहीं सिखा नहीं पायेगे तो वह समुदाय में भी नहीं रह पायेगा। उन्होंने एकता पर जोर देते हुए मनाडे के एक गाने की लाईन ‘तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा तू इंसान की औलाद है इंसान बनेगा’ प्रस्तुत की। बच्चे ज्यादातर देखकर सीखते है। अत हमें बच्चों के सम्मुख उत्कर्ष व्यवहार ही करना चाहिए। जिससे बच्चा आपके उत्तम व्यवहार को देखकर एक जिम्मेदार नागरिक बन सके। 
 कार्यक्रम का समापन करते हुए प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया ने मातृ सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाली सभी मातृशक्तियों का आभार तथा धन्यवाद किया तथा लक्की ड्रा द्वारा प्रतिभाग करने वाली मातृ शक्तियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सुरेखा, रजनी शर्मा, मंजूला, इंदु, बबीता, सिखा, जोली, पूजा, रूबी, सोनिया, भावना, साईन प्रवीन, हुमा, प्रीति, चीनू शर्मा, ललित, जितेन्द्र, विजय, अजीत मलिक आदि समस्त स्टाफ भरपूर सहयोग रहा।


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