मंगलवार, 4 जनवरी 2022

ओमिक्रॉन : रोज आ सकते हैं देश में 20 लाख तक मामले

 


नई दिल्ली। ओमिक्रोन वायरस के कम खतरनाक होने के बावजूद इसके रोकथाम के लिए सरकार  कवायद कर रही है। माना जा रहा है कि देश में प्रतिदन बीस लाख तक मामले आ सकते हैं। 

ऐसे में क्‍या भारत में चल रहा टीकाकरण ओमिक्रोन पर प्रभावशाली है ? इन सारे प्रश्‍नों के जवाब यशोदा हास्पिटल के एमडी पीएन अरोड़ा का कहना है कि ओमिक्रोन वैरिएंट लंबे समय तक गले में ठहरता है। इसके चलते वह तेजी से फैलता है। इसलिए यह संक्रमण के मामले में डेल्‍टा वैरिएंट की तुलना में तीन गुना तेजी से फैलता है। उन्‍होंने कहा कि अगर हम सचेत नहीं रहे तो यह वायरस बहुत तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले सकता है। इससे भले ही खतरा कम हो, लेकिन यह बहुत तेजी से फैलेगा। डा अरोड़ा ने कहा कि यह फेफड़ों में अपनी कापी बहुत तेजी से नहीं बना पाता इसलिए मरीज गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचता है। उन्‍होंने कहा कि यही कारण है कि वैरिएंट बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन डेल्‍टा वैरिएंट की तरह शरीर को बहुत तेजी से छोड़ भी देता है।

डा. अरोड़ा ने कहा कि दूसरी लहर के पीक के दौरान भारत में हर रोज चार लाख के करीब नए मामले आ रहे थे। इनमें से करीब 25 हजार को अस्‍पताल में भर्ती करना पड़ा था। माना जा रहा है कि ओमिक्रोन की वजह से रोजाना 16-20 लाख तक नए केसेज आ सकते हैं। इनमें से 40-60 हजार को अस्‍पताल में भर्ती करना होगा। 40-60 हजार लोगों को जब अस्‍पताल में भर्ती करना पड़ेगा तब स्थिति भयावह हो सकती है। सरकारी आंकड़ों में फिलहाल ओमिक्रोन के कम मामले आ रहे हैं, लेकिन संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है। चूंकि वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग करनी होती है और भारत में इसके लिए लैब कम हैं। इस वजह से जांच भी कम हो रही है और आंकड़े भी कम आ रहे हैं।

ओमिक्रोन इस बात की चेतावनी है कि यदि हम सतर्क नहीं हुए तो कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं होगा। इसलिए सरकार की गाइड लाइन को सख्‍ती से पालन करने की जरूरत है। अगर हम ओमिक्रोन को लेकर सावधान रहे तो एक स्थिति ऐसी आएगी, जब संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने या जान जाने के मामले बहुत कम हो जाएंगे और विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे महामारी की श्रेणी से बाहर कर देगा। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि किस स्तर पर डब्ल्यूएचओ ऐसा फैसला करेगा। शुरुआती शोध बताते हैं कि मौजूदा टीके ओमिक्रोन के मामले में कम एंटीबाडी बना रहे हैं। इसलिए विज्ञानियों के समक्ष ज्यादा कारगर टीका विकसित करने की चुनौती है।

डायबिटीज, हाइपरटेंशन या टीबी जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीज ओमीक्रान संक्रमण से उबरने में थोड़ा ज्यादा वक्त ले रहे हैं। डेल्टा वैरिएंट से हुई कोरोना महामारी को ठीक होने में सात से 10 दिन लगते थे। कुछ मरीजों को तो बीमारी से उबरने में और ज्यादा वक्त लग जाता था। कुछ डेल्टा मरीज तो दो महीने से भी ज्यादा वक्त में निगेटिव होते थे। आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले में सप्ताहभर के अंदर 92 फीसद मरीजों के आरटी-पीसीएर टेस्ट निगेटिव आ रहे हैं। वहीं, पांच फीसद मरीज आठवें दिन, जबकि तीन फीसद मरीज 9वें दिन निगेटिव पाए जा रहे हैं। सिर्फ एक मरीज जिसे टीबी की बीमारी भी थी, वो लंबे समय तक पाजिटिव पाया गया।

रात दस से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू और स्कूलों में अवकाश के आदेश


लखनऊ । उच्चस्तरीय टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश कर दसवीं तक के स्कूलों में मकर संक्रांति तक अवकाश के साथ तमाम सख्त ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। रात दस से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू और सार्वजनिक स्थानों पर भीड को लेकर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए योगी सरकार कुछ सख्त कदम उठा सकती है। महामारी को समय पर रोकने के लिए सिनेमाहॉल, मॉल, स्वीमिंग पूल आदि को लेकर कोई कड़ा निर्णय किया जा सकता है। आज की बैठक में तय हुआ कि फिलहाल यूपी में वीकेंड कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा।

 प्रदेश में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। राजधानी लखनऊ में मंगलवार को आठ बच्चों समेत 150 मरीज कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें 60 महिलाएं शामिल है। इसमें से 46 लोग बाहर से आए हुए यात्री हैं। इसके साथ ही मेदांता अस्पताल के एक डॉक्टर और 19 कर्मचारियों समेत 23 स्वास्थ्यकर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 66 हजार 33 सैम्पल की जांच में कुल 992 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 77 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 3173 है। अतः कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है। घबराने और परेशान होने की नहीं, सतर्कता और सावधानी की जरूरत है। लोगों को मास्क पहनने, टीकाकवर लेने और सोशल डिस्टेन्सिंग के लिए प्रेरित किया जाए। बचाव का यह सर्वोत्तम प्राथमिक उपाय है।

राज्य सरकार हर एक प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है। कोविड की बदलती परिस्थितियों को देखते हुए राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाहकार पैनल से परामर्श के आधार पर व्यापक जनहित में सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। लोगों में अनावश्यक पैनिक न हों, उन्हें सही, सटीक और समुचित जानकारी दी जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट पूर्व के वैरिएंट्स की तुलना में बहुत कम नुकसानदेह है। वैक्सीन कवर ले चुके स्वस्थ-सामान्य व्यक्ति के लिए यह बड़ा खतरा नहीं है।

कक्षा 10 वीं तक के सभी शासकीय व निजी विद्यालयों में मकर संक्रांति तक अवकाश घोषित किया जाए। इस अवधि में उनका टीकाकरण जारी रहेगा। यद्यपि कि वर्तमान में प्रदेश के किसी जनपद में एक्टिव कोविड केस की संख्या 1000 से अधिक नहीं है। किंतु व्यापक जनहित को दृष्टिगत रखते हुए जिन जनपदों में एक्टिव केस की न्यूनतम संख्या 1000 से अधिक हो जाए, वहां जिम, स्पा, सिनेमाहॉल, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट आदि सार्वजनिक स्थलों को 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित किया जाए। शादी समारोह व अन्य आयोजनों में बंद स्थानों में एक समय में 100 से अधिक लोगों की सहभागिता न हो। खुले स्थान पर ग्राउंड की कुल क्षमता के 50 फीसदी से अधिक लोगों के उपस्थिति की अनुमति न दी जाए। मास्क-सैनीटाइज़र की अनिवार्यता रहे। रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू रात 10 से प्रातः 06 बजे तक लागू की जाए। यह व्यवस्था 06 जनवरी, गुरुवार से प्रभावी कर दी जाए।

प्रदेश के सभी शासकीय, अर्धशासकीय, निजी, ट्रस्ट आदि संस्थाओं, कंपनियों, ऐतिहासिक स्मारक, कार्यालयों, धार्मिक स्थलों, होटल-रेस्त्रां, औद्योगिक इकाइयों में तत्काल प्रभाव से कोविड हेल्प डेस्क क्रियाशील करा दिया जाए। जरूरत के अनुसार डे केयर सेंटर भी स्थापित हों। बिना स्क्रीनिंग/सैनिटाइजेशन के किसी को परिसर में प्रवेश न दें।

कोविड वैरिएंट की पहचान के लिए कराई गई जीनोम सिक्वेसिंग में 23 लोगों में ओमिक्रोन वैरिएंट की पुष्टि हुई है। इन सभी के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग और टेस्टिंग कराई जाए। सभी के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए।

 20 करोड़ 50 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण और 09 करोड़ 36 लाख से अधिक टेस्टिंग करके उत्तर प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण देश में प्रथम स्थान पर है। यहां 07 करोड़ 53 लाख से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। 12 करोड़ 97 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। इस प्रकार टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी में लगभग 88 फीसदी को पहली और 51 फीसदी को दोनों डोज मिल चुकी है। 03 जनवरी से प्रारंभ हुए 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के कोविड टीकाकरण में अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है। वैक्सीनेशन को और तेज करने की जरूरत है। इस संबंध में सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।

निगरानी समिति और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय किया जाए। गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डो में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें। घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित किया जाए। उनकी सूची जिला प्रशासन को दी जाए। जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए।

 टेस्टिंग के महत्व को देखते हुए हर दिन न्यूनतम तीन से चार लाख टेस्ट किए जाएं। निजी प्रयोगशालाओं को कोविड टेस्टिंग के लिए अधिकृत करने से पूर्व उनके पिछले रिकॉर्ड देखे जाएं। क्वालिटी टेस्टिंग अनिवार्य है। हर जिले के नोडल अधिकारी अपने संबंधित जिलों से संवाद करें। हर स्थिति पर सीधी नजर रखी जाए। 

प्रदेश के सभी जनपदों में स्थापित किए गए इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24×7 एक्टिव रखा जाए। पूर्व की भांति वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं। आइसीसीसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल मौजूद रहे। लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा दी जाए। आईसीसीसी हेल्पनंबर सार्वजनिक कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। लोग किसी जरूरत पर तत्काल वहां संपर्क कर सकते हैं। एम्बुलेंस 24×7 एक्टिव मोड में रहें। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का बेहतर उपयोग किया जाए। सीएम हेल्पलाइन से लोगों से संवाद किया जाए।

आस्था के अप्रतिम प्रतीक 'प्रयागराज माघ मेला' में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 48 घंटे पूर्व की कोविड आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता लागू की जाए। कल्पवासियों सहित सभी श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।

आई आई टी खड़गपुर में साठ से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मिले


कोलकाता। इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी (आईआईटी) खड़गपुर में 60 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं कोलकाता स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के एक हॉस्टल को कन्टेन्मेंट जोन घोषित किया गया है। आईआईटी खड़गपुर, के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, '31 दिसंबर और 2 जनवरी के बीच कम से कम 62 लोग कोविड-19 से संक्रमित मिले हैं। इनमें छात्र, प्रोफेसर और परिवार के सदस्य शामिल हैं। वहीं आईआईएम में पिछले 2-3 दिनों के दौरान कम से कम 35 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें से ज्यादातर लोगों को हल्के लक्षण हैं यह लोग क्वारन्टाइन हैं। राज्य सरकार ने पहले ही तीन हॉस्टलों- रामानुजन, लेक व्यू और न्यू हॉस्टल तथा टाटा हॉल को कन्टेन्मेंट जोन घोषित कर दिया है। यहां संक्रमित मरीज क्वारन्टाइन किये गये हैं।

कोलकाता नगर निगम के 144 वार्डों में से करीब 25 को कन्टेन्मेंट जोन घोषित किया गया है। हावड़ा और नॉर्थ 24 परगना दोनों ही जिलों में सरकार ने 41-41 जगहों को कंन्टेन्मेंट जोन घोषित किया है।

कोरोना के चलते प्रदेश शासन ने दिए ये सख्त निर्देश


मुजफ्फरनगर । मुख्य सचिव, उ० प्र० शासन की अध्यक्षता मे वीडियो कॉन्फ्रेंस में कोरोना को देखते हुए सख्त हिदायत दी गई हैं। 

मुख्य सचिव,  उ० प्र० शासन दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में  वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक आयोजित की गयी। मुख्य सचिव द्वारा सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं चिकित्सा विभाग के अधिकरियाें के साथ बढ़ते कोरोना के मरीजों की संख्या, टीकाकरण एवं उस पर प्रभावी नियंत्रण के संबंध में बैठक आयोजित की गयी। जिसके सम्बन्ध में मुख्य सचिव द्वारा सभी जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियाें को निर्देिशित किया कि प्रतिदिन रात्रि 08ः00 बजे सभी चिकित्सा अधिकारियों को कोविड वैक्सीनेशन एवं कोरोना के बढते मामलो की रिर्पोट सीधे मुख्य सचिव को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी जाएगी। उपरोक्त के साथ –साथ मुख्य सचिव द्वारा कोरोना के बढते मामलो में गंम्भीरता बरतने एवं कोविड टीकाकरण में ओर गति लाने के भी निर्देश दिये गये।

उपरोक्त बैठक में जिलाधिकारी  चंद्र भूषण सिंह‚ मुख्य विकास अधिकारी आलोक यादव‚ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ० महावीर सिंह फौजदार एवं अन्य सम्बन्धित विभागीय अधिकारी गण मौजूद रहे।

जिला व सिविल बार एसोसिएशन का शपथग्रहण बुधवार को


 मुजफ्फरनगर । जिला बार संघ मुज़फ्फरनगर की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी का शपथग्रहण समारोह दिनांक 05 जनवरी को समय 2 बजे दोपहर फैंथम हाल में में आयोजित किया जाएगा। 

राजेन्द्र प्रसाद शर्मा मुख्य चुनाव अधिकारी जिला बार संघ मुज़फ्फरनगर ने यह जानकारी दी।

बुधवार को ही 1:00 बजे अपराह्न सिविल बार एसोसिएशन मुजफ्फरनगर की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी वर्ष-2022 का शपथ-ग्रहण समारोह कार्यक्रम सिविल बार के सभागार में आयोजित होगा। मनोज कुमार शर्मा (नवनिर्वाचित अध्यक्ष) व सुनील कुमार मित्तल (नवनिर्वाचित महासचिव), सुगंध जैन वरिष्ठ अधिवक्ता पूर्व अध्यक्ष सिविल बार एसोसिएशन और अभिषेक गोयल (एडवोकेट) ने यह जानकारी दी।

लूट की योजना बना रहे थे, 7 साल की कैद


मुजफ्फरनगर । लूट की योजना बनाते पकड़े जाने पर 4 आरोपियों को सात वर्ष की सज़ा व एक,एक हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 

गत 28 मई 2016 को शामली केसीटीग्रिन होटल के पास से लूट की योजना बनाते हिरफ्तार  बंटी ,नीतू ,राजकुमार व अनिल को सात वर्ष की  सज़ा व एक एक हज़ार रुपये का जुर्माना किया गया है। मामले  कि सुनवाई ए डी जे 14 संदीप गुप्ता की कोर्ट में हुई अभियोजन की ओर से ऐडी जी सी अमित त्यागी ने पैरवी की। अभियोजन के अनुसार गत 28 मई 2016 को शामली के ग्रीन होटल के निकट खाली मैदान में लूट की योजना बनाते 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था उनके पास से  लोहे की छड़ व नुकीले पेंचकश व चाकू बरामद हुए थे।

दो लोगों को पहले धारदार हथियारों से काटा और फिर गोलियों से भूना


 शामली। जिले में सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव लाक में पुरानी रंजिश के चलते गांव के ही एक हिस्ट्रीशीटर ने अपने साथियों के साथ मिल कर दो लोगों को पहले धारदार हथियार से घायल कर दिया ।फिर उनकी गोली मारकर हत्या की दी। घटना के बाद से जांच क्षेत्र में दहशत का माहौल है। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।मामला शामली की सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव लाक का है । जहां पर खेत से घर जा रहे पल्ला और विनोद दो किसानों की अलग-अलग जगह पर गांव के हिस्ट्रीशीटर विवेक ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी।

बताते हैं पहले हिस्ट्रीशीटर ने धारदार हथियार से हमला करके घायल किया और फिर गोलियां मारकर हत्या कर दी । एक के बाद एक हुए डबल मर्डर से जहां गांव में दहशत का माहौल है। वहीं, घटना के बाद से आरोपी फरार है। पीड़ितों ने घटना की सूचना पुलिस को दी है।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में ले लिया है। घटना के पीछे जमीनी विवाद में रंजिश की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में मृतक के भाई का कहना है कि गांव के हिस्ट्रीशीटर ने पहले धारदार हथियार से भाई को घायल कर दिया है। फिर सिर में गोली मार दी। घटना की सूचना मिलते ही जब गांव वाले आए तो तब आरोपी अपने साथियों के मिल कर फरार हो गया। 

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