शुक्रवार, 1 मई 2020

मजदूरों की आर्थिक मदद कर समाजसेवियों ने मजदूर दिवस मनाया 

टीआर ब्यूरो।



मुजफ्फरनगर । पूरी दुनिया में 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है इस दिन दुनिया भर के मजदूरों की स्थिति पर चिंतन मनन व उनके विकास के लिए योजनाएं बनाई जाती है ताकि मजदूर खुशहाल हो सके करोना महामारी के कारण लाक डाउन के चलते मजदूरों की आर्थिक हालत खराब को दृष्टिगत रखते हुए कुछ समाजसेवियों ने मजदूरों की आर्थिक मदद कर आज मजदूर दिवस मनाया ।
शिव चौक के आसपास काफी मजदूर ( रिक्शा पोलर ,मोची ,कान का घुघ निकालने वाले ) अपनी रोजी रोटी के लिए काम करते थे बंदी के कारण आर्थिक तंगी से ग्रस्त हैं इन गरीब मजदूरों की आर्थिक तंगी तो को देखते हुए समाजसेवी नीरज जैन, अर्जुन अग्रवाल, मनु स्वीट्स , शिशुकांत एडवोकेट गोल्डन कन्फेक्शनरी आदि ने गरीब मजदूर दिवस पर मजदूरों की आर्थिक नगद मदद कर मजदूर दिवस मनाया उन्होंने कहा मजदूर हमारे हाथ पैर हैं और ऐसे संकट के समय उनकी आर्थिक मदद करना ही हमारे लिए मजदूर दिवस है मजदूरों के बिना कोई कार्य संभव नहीं है मानवता के नाते इन सब ने मजदूरों की आर्थिक मदद की ताकि में ये अपनी कुछ आवश्यक वस्तुएं खरीद का अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें । सभी ने आर्थिक मदद करते हुए अपना फोटो खिंचवाने से परहेज किया । लुधियाना से पैदल चलते हुए मुजफ्फरनगर पहुंचे 5 सुल्तानपुर के मजदूरों को भोजन कराया चाय पिलाई  और उनकी भी आर्थिक मदद की ।


एसएसपी अभिषेक यादव ने शराब तस्करी में लिप्त सिपाही को किया सस्पेंड।

 


टीआर ब्यूरो।


मुजफ्फरनगर। शराब की तस्करी कर रहा जनपद पुलिस लाइन में तैनात सिपाही को सस्पेंड करते हुए उसके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है। नोएडा निवासी सिपाही करीब दो साल से जनपद पुलिस लाइन में ही तैनात था।गाजियाबाद पुलिस ने बृहस्पतिवार को शराब तस्करी के बड़े धंधे का खुलासा किया था। शराब तस्करी में पकड़ा गया एक आरोपी रोहित बैंसला यूपी पुलिस में है, जो फिलहाल जनपद पुलिस लाइन में तैनात है।
 विभागीय सूत्रों के अनुसार, रोहित बैंसला जनपद नोएडा का रहने वाला है, जो वर्ष 2015-16 बैच में भर्ती हुआ था। उसके पिता भी पुलिस विभाग में रह चुके हैं, जो दरोगा पद से सेवानिवृत्त हुए थे। एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि रोहित करीब दो साल से जनपद में तैनात है और इस दौरान पुलिस लाइन में ही रहा है। प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है कि वह बुधवार शाम घर जाने की बात कहकर पुलिस लाइन से रवाना हुआ था, जिसके बाद उसके शराब तस्करी में पकड़े जाने का खुलासा हुआ।
एसएसपी ने बताया कि आरोपी सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं।


भारी मात्रा में अवैध गांजे के साथ 02 तस्कर गिरफ्तार।


टीआर ब्यूरो।


मुज़फ्फरनगर। थाना बुढाना पुलिस द्वारा दौराने चैकिंग बायवाला चौराहे से हाईवे पर एक होण्डा सिटी कार नं0 HR 26 AC 8922 सहित 02 शातिर मादक पदार्थ तश्कर अभियुक्त को भारी मात्रा में गांजे सहित गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त पूर्व में भी अवैध गांजा/शराब की बिक्री के आरोप में जेल में रह चुके है।
 रिजवान पुत्र फतेहदीन नि0 ग्राम विज्ञाना थाना बुढाना मु0नगर, राममेहर उर्फ काला पुत्र महावीर सिंह नि0 ग्राम गढी सखावत थाना बुढाना मु0नगर को गांजे की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया गया।
तस्करों से 20 पैकेट अवैध गांजा(40 किग्रा0) होण्डा सिटी कार नं0 HR 26 AC 8922  बरामद किया गया।


सांस्कृतिक विरासत सिखा रहा स्पिक मैके


मुजफ्फरनगर।  स्पिक मैके अपने कार्यक्रमों के जरिया सांस्कृतिक विरासत सिखा रहा है। देखिए-


https://youtube.com/user/spicmacay/live


ऐसे खायें खाना जो ना पड़े पछताना


*||🌹भोजन विधि 🌹||*
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🌹अधिकांश लोग भोजन की सही विधि नहीं जानते। गलत विधि से गलत मात्रा में अर्थात् आवश्यकता से अधिक या बहुत कम भोजन करने से या अहितकर भोजन करने से जठराग्नि मंद पड़ जाती है, जिससे कब्ज रहने लगता है। तब आँतों में रूका हुआ मल सड़कर दूषित रस बनाने लगता है। यह दूषित रस ही सारे शरीर में फैलकर विविध प्रकार के रोग उत्पन्न करता है। उपनिषदों में भी कहा गया हैः आहारशुद्धौ सत्त्वशुद्धिः। शुद्ध आहार से मन शुद्ध रहता है। साधारणतः सभी व्यक्तियों के लिए आहार के कुछ नियमों को जानना अत्यंत आवश्यक है। जैसे-


🌹आलस तथा बेचैनी न रहें, मल, मूत्र तथा वायु का निकास य़ोग्य ढंग से होता रहे, शरीर में उत्साह उत्पन्न हो एवं हलकापन महसूस हो, भोजन के प्रति रूचि हो तब समझना चाहिए की भोजन पच गया है। बिना भूख के खाना रोगों को आमंत्रित करता है। कोई कितना भी आग्रह करे या आतिथ्यवश खिलाना चाहे पर आप सावधान रहें।


🌹सही भूख को पहचानने वाले मानव बहुत कम हैं। इससे भूख न लगी हो फिर भी भोजन करने से रोगों की संख्या बढ़ती जाती है। एक बार किया हुआ भोजन जब तक पूरी तरह पच न जाय एवं खुलकर भूख न लगे तब तक दुबारा भोजन नहीं करना चाहिए। अतः एक बार आहार ग्रहण करने के बाद दूसरी बार आहार ग्रहण करने के बीच कम-से-कम छः घंटों का अंतर अवश्य रखना चाहिए क्योंकि इस छः घंटों की अवधि में आहार की पाचन-क्रिया सम्पन्न होती है। यदि दूसरा आहार इसी बीच ग्रहण करें तो पूर्वकृत आहार का कच्चा रस(आम) इसके साथ मिलकर दोष उत्पन्न कर देगा। दोनों समय के भोजनों के बीच में बार-बार चाय पीने, नाश्ता, तामस पदार्थों का सेवन आदि करने से पाचनशक्ति कमजोर हो जाती है, ऐसा व्यवहार में मालूम पड़ता है।


🌹रात्रि में आहार के पाचन के समय अधिक लगता है इसीलिए रात्रि के समय प्रथम पहर में ही भोजन कर लेना चाहिए। शीत ऋतु में रातें लम्बी होने के कारण सुबह जल्दी भोजन कर लेना चाहिए और गर्मियों में दिन लम्बे होने के कारण सायंकाल का भोजन जल्दी कर लेना उचित है।


🌹अपनी प्रकृति के अनुसार उचित मात्रा में भोजन करना चाहिए। आहार की मात्रा व्यक्ति की पाचकाग्नि और शारीरिक बल के अनुसार निर्धारित होती है। स्वभाव से हलके पदार्थ जैसे कि चचावल, मूँग, दूध अधिक मात्रा में ग्रहण करने सम्भव हैं परन्तु उड़द, चना तथा पिट्ठी से बने पदार्थ स्वभावतः भारी होते हैं, जिन्हें कम मात्रा में लेना ही उपयुक्त रहता है।


🌹भोजन के पहले अदरक और सेंधा नमक का सेवन सदा हितकारी होता है। यह जठराग्नि को प्रदीप्त करता है, भोजन के प्रति रूचि पैदा करता है तथा जीभ एवं कण्ठ की शुद्धि भी करता है।


🌹भोजन गरम और स्निग्ध होना चाहिए। गरम भोजन स्वादिष्ट लगता है, पाचकाग्नि को तेज करता है और शीघ्र पच जाता है। ऐसा भोजन अतिरिक्त वायु और कफ को निकाल देता है। ठंडा या सूखा भोजन देर से पचता है। अत्यंत गरम अन्न बल का ह्रास करता है। स्निग्ध भोजन शरीर को मजबूत बनाता है, उसका बल बढ़ाता है और वर्ण में भी निखार लाता है।


🌹चलते हुए, बोलते हुए अथवा हँसते हुए भोजन नहीं करना चाहिए।


🌹दूध के झाग बहुत लाभदायक होते हैं। इसलिए दूध खूब उलट-पुलटकर, बिलोकर, झाग पैदा करके ही पियें। झागों का स्वाद लेकर चूसें। दूध में जितने ज्यादा झाग होंगे, उतना ही वह लाभदायक होगा।


🌹चाय या कॉफी प्रातः खाली पेट कभी न पियें, दुश्मन को भी न पिलायें।


🌹एक सप्ताह से अधिक पुराने आटे का उपयोग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं है।


🌹भोजन कम से कम 20-25 मिनट तक खूब चबा-चबाकर एवं उत्तर या पूर्व की ओर मुख करके करें। अच्छी तरह चबाये बिना जल्दी-जल्दी भोजन करने वाले चिड़चिड़े व क्रोधी स्वभाव के हो जाते हैं। भोजन अत्यन्त धीमी गति से भी नहीं करना चाहिए।


🌹भोजन सात्त्विक हो और पकने के बाद 3-4 घंटे के अंदर ही कर लेना चाहिए।


🌹स्वादिष्ट अन्न मन को प्रसन्न करता है, बल व उत्साह बढ़ाता है तथा आयुष्य की वृद्धि करता है, जबकि स्वादहीन अन्न इसके विपरीत असर करता है।


🌹सुबह-सुबह भरपेट भोजन न करके हलका-फुलका नाश्ता ही करें।


🌹भोजन करते समय भोजन पर माता, पिता, मित्र, वैद्य, रसोइये, हंस, मोर, सारस या चकोर पक्षी की दृष्टि पड़ना उत्तम माना जाता है। किंतु भूखे, पापी, पाखंडी या रोगी मनुष्य, मुर्गे और कुत्ते की नज़र पड़ना अच्छा नहीं माना जाता।


🌹भोजन करते समय चित्त को एकाग्र रखकर सबसे पहले मधुर, बीच में खट्टे और नमकीन तथा अंत में तीखे, कड़वे और कसैले पदार्थ खाने चाहिए। अनार आदि फल तथा गन्ना भी पहले लेना चाहिए। भोजन के बाद आटे के भारी पदार्थ, नये चावल या चिवड़ा नहीं खाना चाहिए।


🌹पहले घी के साथ कठिन पदार्थ, फिर कोमल व्यंजन और अंत में प्रवाही पदार्थ खाने चाहिए।


🌹माप से अधिक खाने से पेट फूलता है और पेट में से आवाज आती है। आलस आता है, शरीर भारी होता है। माप से कम अन्न खाने से शरीर दुबला होता है और शक्ति का क्षय होता है।


🌹बिना के भोजन करने से शक्ति का क्षय होता है, शरीर अशक्त बनता है। सिरदर्द और अजीर्ण के भिन्न-भिन्न रोग होते हैं। समय बीत जाने पर भोजन करने से वायु से अग्नि कमजोर हो जाती है। जिससे खाया हुआ अन्न शायद ही पचता है और दुबारा भोजन करने की इच्छा नहीं होती।


🌹जितनी भूख हो उससे आधा भाग अन्न से, पाव भाग जल से भरना चाहिए और पाव भाग वायु के आने जाने के लिए खाली रखना चाहिए। भोजन से पूर्व पानी पीने से पाचनशक्ति कमजोर होती है, शरीर दुर्बल होता है। भोजन के बाद तुरंत पानी पीने से आलस्य बढ़ता है और भोजन नहीं पचता। बीच में थोड़ा-थोड़ा पानी पीना हितकर है। भोजन के बाद छाछ पीना आरोग्यदायी है। इससे मनुष्य कभी बलहीन और रोगी नहीं होता।


🌹प्यासे व्यक्ति को भोजन नहीं करना चाहिए। प्यासा व्यक्ति अगर भोजन करता है तो उसे आँतों के भिन्न-भिन्न रोग होते हैं। भूखे व्यक्ति को पानी नहीं पीना चाहिए। अन्नसेवन से ही भूख को शांत करना चाहिए।


🌹भोजन के बाद गीले हाथों से आँखों का स्पर्श करना चाहिए। हथेली में पानी भरकर बारी-बारी से दोनों आँखों को उसमें डुबोने से आँखों की शक्ति बढ़ती है।


🌹भोजन के बाद पेशाब करने से आयुष्य की वृद्धि होती है। खाया हुआ पचाने के लिए भोजन के बाद पद्धतिपूर्वक वज्रासन करना तथा 10-15 मिनट बायीं करवट लेटना चाहिए(सोयें नहीं), क्योंकि जीवों की नाभि के ऊपर बायीं ओर अग्नितत्त्व रहता है।


🌹भोजन के बाद बैठे रहने वाले के शरीर में आलस्य भर जाता है। बायीं करवट लेकर लेटने से शरीर पुष्ट होता है। सौ कदम चलने वाले की उम्र बढ़ती है तथा दौड़ने वाले की मृत्यु उसके पीछे ही दौड़ती है।


🌹रात्रि को भोजन के तुरंत बाद शयन न करें, 2 घंटे के बाद ही शयन करें।


🌹किसी भी प्रकार के रोग में मौन रहना लाभदायक है। इससे स्वास्थ्य के सुधार में मदद मिलती है। औषधि सेवन के साथ मौन का अवलम्बन हितकारी है।
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मोर पंख के लाभ जानते हैं आप


मोरपंख के गुण


जो व्यक्ति अपने घर में दो मोरपंख रखता हैं, उस परिवार में कभी फूट पैदा नहीं होती है। घर में दो मोरपंख रखने से घर में लड़ाई - झगड़े नहीं होते हैं और परिवार साथ मिल ख़ुशी- ख़ुशी रहता है।


जो व्यक्ति अपने साथ हमेशा मोरपंख रखता हैं उसके साथ कभी कोई दुर्घटना नहीं होती है। मोरपंख सदैव अपने पास रखने से आपका भाग्य प्रबल हो जाता हैं और किसी भी दुर्घटना का भाग नहीं बनते हो।


मोरपंख को घर में रखने से नकारात्मक उर्जा घर से बाहर निकल जाती हैं और सकारात्मक उर्जा घर के अन्दर आ जाती है।आप तो जानते ही हैं जिस घर में सकारात्मक उर्जा रहती हैं वहां लक्ष्मी जी जल्दी आती है।


यदि आप का बच्चा पढ़ाई में कमजोर हैं या उसका पढ़ाई लिखाई में मन नहीं लगता हैं तो आप उसके स्कूल बैग में एक मोरपंख रख दे। ऐसा करने से आपके बच्चे का पढ़ाई में मन लगेगा और वो परीक्षा में अच्छे अंको से पास होगा।


जिन लोगो की राशि में राहू दोष होता हैं उन्हें अपनी जेब या डायरी में मोरपंख रखना चाहिये। ऐसा करने से राहू दोष चला जाता हैं और आपके कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती हैं.


मोर का प्रिय भोजन सांप हैं. यहीं कारण हैं कि सांप मोर से डरता हैं. यदि आप को सांप से डर लगता हैं तो अपने पास एवं घर में एक मोर पंख जरूर रखे. ऐसा करने से सांप आपके या आपके घर के नजदीक नहीं आयेगा।आप चाहे तो मोर पंख को घर के बाहर भी लटका सकते हैं।


मोरपंख को सिर पर रखने से विद्या लाभ होता हैं. अर्थात जिन व्यक्ति की बुद्धि कमजोर होती हैं वो भी ज्ञानी बन जाते है। आप चाहे तो मोरपंख को अपनी टोपी पर लगा सकते हैं या घर में ही रोजाना कुछ घंटे सिर पर पहन सकते है।


घर का मुख्यद्वार यदि वास्तु के अनुसार नहीं बना या लगा हैं तो उस द्वार पर तीन मोर पंख लगा दे 
इस मोर पंख के नीचे आप को भगवान श्री गणेश जी का चित्र भी लगाना होगा.
ऐसा करने से वास्तु दोष दूर हो जाता हैं और घर परिवार पर कोई भी मुसीबत या तकलीफ नहीं आती है।


यदि आपके जीवन में एक साथ दुखो का पहाड़ टूट पड़े और आप बहुत बड़ी मुसीबत में फंस जाए तो घर के कमरे या बेडरूम में मोर पंख लगाना चाहिये।इस बात का ध्यान रखे कि यह मोरपंख आप को कमरे के अग्नि कोण में ही लगाना होगा. ऐसा करने से सारी मुसीबतें धीरे धीरे दूर चली जाती है।


ये तो सभी जानते हैं कि पति पत्नी में अक्सर लड़ाई झगड़े होते रहते हैं ऐसे में सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए शादी वाले एल्बम में एक मोरपंख लगा दे। ऐसा करने से पति पत्नी में झगड़े नहीं होंगे और प्रेम बढ़ेगा


मोरपंख को रात में अपने घर आँगन के बाहर रख दे ऐसा करने से नकारात्मक उर्जा का नाश होता हैं और घर में शान्ति बनी रहती है। यदि आप जीवन में सदैव सफल होना चाहते हैं तो अपने पास एक मोरपंख रखना शुरू कर दे। इस मोरपंख से निकलने वाली पॉजीटिव एनर्जी आपको किसी भी काम में फेल नहीं होने देती है।


यदि आप रात को डरावने सपनो से परेशान रहते है तो अपने सिरहाने मोरपंख को रख कर सो जाये। ऐसा करने से डरावने सपने आना तो बंद होंगे ही साथ ही आपको अगली सुबह मनमोहक होगी।


मोरपंख को कभी भी जमीन पर ना फेंके इसे कृष्ण भगवान का अपमान माना जाता हैं ऐसा करने से आपके घर की तरक्की रुक जाती है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रहे कि आप मोरपंख को कभी लात ना मारे वरना आपके साथ कोई अनर्थ हो सकता है।


यदि कोई व्यक्ति आप को अपनी मर्जी से ख़ुशी - ख़ुशी मोरपंख देता हैं तो आप के जीवन की सफलता के सारे रास्ते खुल जाते है। बस इस बात का ध्यान रखे कि आप को उनसे यह मोरपंख मुंह से नहीं माँगना है उन्हें ये आप को अपनी स्वेच्छा से देना होगा तभी आपको इसका लाभ मिलेगा।


पुरानी मान्यताओं के अनुसार मोरपंख मोर के मरने, या उस से झड़ने के बाद भी सदा जीवत रहता है। यही कारण हैं कि इसका असर इतना प्रबलशाली होता है।


आप जब भी  मोरपंख को खरीदते हैं तो उसे शुभ मुहर्त देख कर ही खरीदना चाहिये। अशुभ मुहर्त पर ख़रीदा गया मोरपंख लाभ नहीं देता हैं।


घर के दक्षिण पूर्वी कोने में मोरपंख लगाने से घर में हमेशा बरकत बनी रहती है। ऐसे घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती हैं।


आप जब भी कोई मोरपंख ख़रीदे तो इस बात का विशेष ध्यान रखे कि वह कहीं से भी टुटा ना हो ऐसा मोरपंख पास में रखना अशुभ माना जाता है। इसलिए हमेशा साबुत और सही हालत वाला मोरपंख लाये.


मोरपंख को घर में लाने के पूर्व श्रीकृष्ण भगवान का नाम जरूर ले। ऐसा करने से घर में सम्रद्धि आती हैं और सारे रुके कार्य भी समय पर पुरे हो जाते है।


मोरपंख को घर की तिजोरी या पूजा स्थल वाली जगह पर रखने से घर में धन की कभी कमी नहीं होती हैं। आप की तिजोरी हमेशा भरी रहती है।


मोरपंख को घी में डुबो कर पीपल के पेड़ पर बाँध देने से शत्रुओं का विनाश होता है। यह उपाय करने से शत्रु आप पर कभी विजय प्राप्त नहीं कर पाता है।


मोरपंख से बच्चे की नजर उतारने से वह कभी बीमार नहीं पड़ता हैं और ना ही किसी की बुरी नजर उसका कुछ बिगाड़ पाती हैं।


मोरपंख को किताब में रखने से उस किताब का पढ़ा याद रहता हैं.


मोरपंख को गंगाजल में डुबो कर घर में उस से छिड़काव करने से भूत- प्रेत दूर रहते है।
      
नोट- मोर पंख स्वयं से गिरा हो। हानी पहुँच के कोई कार्य ना करे। प्रकृति का समान करे, तभी आप के कार्य हो पाएंगे।


चिकित्सकों से मारपीट, भीम सेना जिलाध्यक्ष गिरफ्तार

मुजफ्फरनगर। थाना कोतवाली नगर के जिला चिकित्सालय में उपकार बाबरा द्वारा इमरजैन्सी वार्ड में इमरजैन्सी स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार व सरकारी कार्य में वाधा उत्पन्न करने के आरोप में भीम सेना के जिलाध्यक्ष को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है ।


पुलिस ने बताया कि दिनांक 30.04.2020 की रात्रि को समय करीब 10:30 बजे थाना कोतवाली नगर पुलिस को चिकित्साधिकारी श्री मशकूर आलम द्वारा लिखित तहरीर द्वारा अवगत कराया गया कि आज दिनांक 30.04.2020 की शाम को समय करीब 08:30 बजे 01 अज्ञात व्यक्ति भीड के साथ इमरजैन्सी वार्ड में आया तथा अपने मरीज के बहाने इमरजैन्सी वार्ड में इमरजैन्सी स्टाफ को धमकाने लगा, मारने पीटने की धमकी देने के साथ सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की जिसके सम्बन्ध में थाना कोतवाली नगर पर मु0अ0सं0-285/20 धारा-269,270,332,504,506 भादवि, धारा-51 आपदा प्रवन्धन अधिनियम व धारा-3(2) महामारी अधिनियम बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया है, दोराने विवेचना सी0सी0टी0वी0 फुटेज के आधार पर अभियुक्त उपकार बाबरा पुत्र अथर सिंह निवासी अलमासपुर थाना नई मण्डी जनपद मु0नगर को गिरफ्तार कर लिया गया है, अभियोग की विवेचना प्रचलित है।


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