गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

चारधामों के कपाट खुलने के समय आम जनता को दर्शन की अनुमति नहीं 

देहरादून। उत्तराखंड कैबिनेट ने यह तय किया है कि चार धामों के कपाट खुलने के समय आम जनता को चारोंधामों के दर्शन की अनुमति नहीं होगी। आम जनता को लॉकडाउन तक की अवधि तक फिलहाल धार्मिक स्थलों पर प्रतिबंधित किया गया है। कैबिनेट ने यह भी तय किया है कि उत्तराखंड में 17 अप्रैल से सचिवालय और विधानसभा खुलेगी।
कैबिनेट के फैसले के अनुसार, 17 अप्रैल से ही मंत्री भी विधानसभा में बैठ सकेंगे। अनुसचिव से ऊपर के कर्मचारी सचिवालय और विधानसभा में उपस्थित होंगे। 20 अप्रैल के बाद राज्य में उद्योग चलाने को छूट दी जा सकती है लेकिन इसके लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी। उद्योग शुरू करने के लिए सम्बन्धित जिलों के डीएम से अनुमति लेनी होगी। 


लॉकडाउन,टल रही शादियां नई तारीख निकलवा रहे लोग 

मुजफ्फरनगर । लॉकडाउन-2 की शुरुआत और 3 मई के बीच होने वाली शादियां टल रही हैं। लोग नई तारीख डाल रहे हैं, वहीं कुछ लोगों को उम्मीद है कि 20 अप्रैल के बाद सरकार शादी के लिए कोई रास्ता निकल सकती है। ऐसे लोग इंतजार कर रहे हैं। हालांकि अधिकतर लोगों ने नई तारीख डाली है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि अब लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वे तारीख तय करेंगे।  बैंक्विट हॉल में सुबह और शाम दोनों टाइम शादियां संपन्न होती हैं। वहीं कुछ लोग पार्क और टेंट लगवाकर शादी का आयोजन करते हैं। इस हिसाब से अप्रैल में एक दिन में करीब 5 हजार शादियों की तारीख तय हुई थी।


 स्कूल कॉलेजों में ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश होगा खत्म  

लखनऊ। कोविड-19  के संक्रमण को देखते हुए 3 मई तक जारी लॉकडाउन  के खत्म होने के तीन हफ्तों के बाद विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की बची हुई परीक्षाएं हो सकती हैं। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बैठक कर इस पर विस्तार से चर्चा की। बैठक के दौरान प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और व्यवसायिक शिक्षा विभाग के अपने अलग-अलग शैक्षिक चैनल बनाए जाने पर विचार किया गया।
चैनल के गठन के लिए एकेटीयू वाइस चांसलर की अध्यक्षता में कमेटी भी गठित कर दी गई है। डॉं। दिनेश शर्मा ने उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा की बची हुई परीक्षाओं को लॉकडाउन खत्म होने के तीन सप्ताह के बाद शुरू करने के लिए कहा गया है। साथ ही, किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को कम से कम 3 सप्ताह तक का समय देने का निर्देश दिया गया है। वहीं, इन परीक्षाओं का रिजल्ट जुलाई के पहले सप्ताह तक जारी करने का भी निर्देश दिया गया है।
बैठक के दौरान बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा और प्राविधिक शिक्षा विभाग के अपने अलग-अलग शैक्षिक चैनल बनाए जाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके लिए, वाइस चांसलर एकेटीयू प्रो विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई है। जिसमें महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा राजेश कुमार, विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोज कुमार और विशेष सचिव प्राविधिक शिक्षा सुनील चैधरी सदस्य होंगे। कमेटी को 1 सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।


20 अप्रैल से 11 उद्योगों के संचालन को मंजूरी

 


टीआर ब्यूरो
लखनऊ। लॉकडाउन से पूरे देश की इकॉनमी ठप हो चुकी है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी उद्योग धंधे पूरी तरह बंद हैं, इस बीच योगी सरकार ने 20 अप्रैल से 11 उद्योगों के संचालन को मंजूरी दी है। हालांकि यह मंजूरी सशर्त है और शर्तों के उल्लंघन पर कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा कोरोना हॉटस्पॉट घोषित क्षेत्रों में पड़ने वाले इन उद्योगों पर यह आदेश नहीं लागू होगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इसको लेकर एक आदेश जारी किया है और सभी संबंधित अधिकारियों को इस बारे में निर्देशित किया है। योगी सरकार ने स्टील, रिफाइनरी, सीमेंट, उद्योगों, रसायन, उर्वरक के उद्योगों को चलाने की अनुमति दी है। इसके अलावा पेपर, टायर, चीनी मिलों, कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, वस्त्र उद्योग (परिधान को छोड़कर) और फाउंड्रीज को भी शुरू करने की अनुमति दी है।


क्वारंटाइन पूरा होने पर गुजरात-महाराष्ट्र के लोगों ने किया हंगामा, घर भेजने की मांग ।


टीआर ब्यूरो
सहारनपुर। जामिया तिब्बिया में 31 मार्च से क्वारंटाइन किए गए गुजरात और महाराष्ट्र के लोगों ने गुरुवार को समय पूरा होने पर घर भेजने की मांग को लेकर हंगामा कर दिया। मौके पर पहुंचे एसडीएम ने उन्हें समझाते हुए कहा कुछ लोगों की अभी रिपोर्ट आनी बाकी है, रिपोर्ट आते ही उन्हें घर भेजने की व्यवस्था करा दी जाएगी।
गुरुवार को हाईवे स्थित जामिया तिब्बिया मेडिकल कॉलेज में क्वारंटीन किए गए महाराष्ट्र, गुजरात, असोम समेत दूसरें प्रदेशों के लोगों ने कहा कि वह बीते 16 दिनों से क्वारंटाइन हैं। उनके मुताबिक उनकी क्वारंटाइन अवधि पूर्ण हो गई है इसलिए अब उन्हें यहां से निकाल उनके घर वापस भेजा जाए। उक्त लोगों द्वारा हंगामा करने की सुचना पर पहुंचे एसडीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया। उन्होंने सीएचसी सुपरिंटेंडेंट डा. इंद्राज सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि क्वारंटाइन किए गए लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आई है।


रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें वापस भेजे जाने की प्रक्रिया आंरभ की जाएगी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र और गुजरात एवं असम के क्वारंटाइन किए गए लोगों को सैंपल जांच के लिए नोएडा भेजे गए थे। अभी रिपोर्ट आने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक 31 मार्च से क्वारंटीन उक्त लोगों का सैंपल 13 अप्रैल को भेजा गया था।


पुलिस सुरक्षित तो हम सुरक्षित:- भीम कंसल


टीआर ब्यूरो
मुजफ्फरनगर। नईमंडी कोतवाली में आज समाजसेवी व उद्यमी भीमकंसल की ओर से पुलिसवालों के लिये लगवाई गई ऑटोमैटिक सेनेटाईजिंग टनल का उदघाटन एसपी सिटी सतपाल अंतिल व सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार ने किया। इस ऑटोमैटिक सेनेटाईजिंग टनल की विशेषता यह है कि इसमें जैसे ही कोई व्यक्ति प्रवेश करेगा, तो यह ऑटोमैटिक तरीके से चलने लगेगी और उसके बाहर निकलते ही बंद हो जायेगी। नईमंडी कोतवाली के प्रवेश द्वार पर समाजसेवी व उद्यमी भीम कंसल के सौजन्य से लगाई गई टनल का उदघाटन एसपी सिटी सतपाल अंतिल व सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर समाजसेवी भीम कंसल ने कहा कि वर्तमान समय में पुलिसवाले सबसे ज्यादा मेहनत कर रहे हैं और बेहद विषम परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे है। उन्हें हर जगह जाना पड़ता है, जिससे कोरोना वायरस का खतरा बढ जाता है। इसी कारण यह मशीन नईमंडी कोतवाली के मुख्य गेट पर लगवाने का निर्णय लिया गया है, ताकि पुलिसकर्मी ड्यूटी से आते समय सेनेटाईज हो सकें और उनकी वायरस से रक्षा हो सके। इस अवसर पर स्वास्तिक पेस्टीसाइड के स्वामी रविन्द्र सिंघल, उद्यमी रघुराज गर्ग, नगरपालिका परिषद के सभासद विपुल भटनागर, सीओ मंडी धनजंय कुशवाहा, नईमंडी कोतवाल दीपक चतुर्वेदी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।


पिता संग पहुंचा दुल्हा निकाह कर ले गया दुल्हन


टीआर ब्यूरो
मुज़फ्फरनगर।भारतीय समाज के लिए शादी की रौनक हमेशा ही आकर्षण का केन्द्र रही है। शादी के दौरान भारी भरकम खर्च व मेहमाननवाजी के चर्चे आम बात है। लॉकडाउन के दौरान कुछ शादियां रद्द हो चुकी हैं तो कुछ ने संक्षिप्त रूप में धार्मिक रस्मों को पूरा कर दुल्हन को घर लाना मुनासिब समझा है।
लॉकडाउन के दौरान कुछ व्यक्तियों ने शादी की तिथि न बदलकर सरकारी आदेशों का पालन करते हुए शादी को केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित कर दिया है। कस्बा भोकरहेडी निवासी युवक ने सादगी के साथ शादी को मात्र निकाह तक सीमित रख दूसरे युवकों को भी प्रेरणा दी है। वाजिद नामक युवक ने बताया कि शादी को लॉकडाउन के बाद भी किया जा सकता था, किन्तु देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, जिसके परिणाम भी दूरगामी होंगे। ऐसे में शादी में खर्च करना बिल्कुल भी उचित नही है। हालात को देखते हुए सादगी के साथ ही शादी करना उचित है। वाजिद के निकाह में उसके साथ सिर्फ उसके पिता ही शामिल हुए। न कोई बाराती न कोई मेहमान, परिवार के सदस्यों ने दुल्हन का स्वागत किया। वाजिद का परिवार अन्यों के लिए भी सबक बनें तथा संकट के समय में सादगी के साथ शादी सम्पन्न हो। ऐसी वक्त की जरूरत है।


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